भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भले ही अपने दम पर बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं हुई हो। लेकिन पार्टी ने औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया। भाजपा ने पिछले आम चुनाव की तुलना में उत्तर प्रदेश व हरियाणा में करीब 50 फीसदी सीटें गंवाने के बावजूद औद्योगिक केंद्रों वाली करीब करीब सभी सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी हिंदी पट्टी की ज्यादातर औद्योगिक केंद्र वाली सीटें जीतने में कामयाब रही। हालांकि भाजपा को महाराष्ट्र के साथ ही दक्षिण भारत की औद्योगिक केंद्र वाली सीटों पर कम कामयाबी मिली।
उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद भाजपा ने इस राज्य की प्रमुख औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों पर जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक केंद्रों वाली कानपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और आगरा प्रमुख लोकसभा सीटें हैं और इन सभी पर भाजपा जीती। हरियाणा में पिछले आम चुनाव की तुलना में बुरा प्रदर्शन करने वाली भाजपा प्रमुख औद्योगिक केंद्रों वाली गुरुग्राम और फरीदाबाद सीट जीतने में कामयाब रही।
मध्य प्रदेश का औद्योगिक शहर कही जाने वाली इंदौर लोकसभा भी भाजपा रिकॉर्ड मतों से जीत गई। इसी राज्य के भोपाल, विदिशा, मुरैना, भिंड लोकसभा के तहत मंडीदीप, गोविंदपुरा, बानमोर, मालनपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में भी भाजपा को जीत मिली।
राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट इस राज्य का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। भाजपा को इस सीट पर भी सीट मिली। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हुई। प्रमुख औद्योगिक राज्य माने जाने वाले गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा समेत अन्य औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों पर भी भाजपा ने परचम लहराया।
पुरानी दिल्ली के बाजारों को देश का प्रमुख व्यापारिक वितरण केंद्र कहा जाता है। इनमें कई ऐशिया के बड़े बाजार माने जाते हैं और ये बाजार चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के अंदर आते हैं। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रवीन खंडेलवाल ने जीत दर्ज की । इस सीट के विजेता की खास बात ये है कि व कारोबारियों के अहम संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री भी हैं और छोटे खुदरा व थोक कारोबारियों के प्रमुख कारोबारी नेता माने जाते हैं।
खंडेलवाल से पहले एक प्रमुख कारोबारी संगठन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रहे और कारोबारी नेता दिवंगत श्याम बिहारी मिश्रा कई बार उत्तर प्रदेश से सांसद रहे थे। दिल्ली में कारोबारियों की बड़ी संख्या के कारण चुनाव में ये अहम भूमिका निभाते हैं। दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें भाजपा ने जीती।
महाराष्ट्र देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य है। इस राज्य की औद्योगिक केंद्र वाली लोकसभा सीटों पर हिंदी पट्टी की तुलना में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा। महाराष्ट्र में पुणे, चंद्रपुर, लातूर, सांगली, शोलापुर,नासिक और मुंबई रीजन प्रमुख औद्योगिक केंद्रों वाली लोकसभा सीटें मानी जाती हैं। इनमें से भाजपा को पुणे और मुंबई उत्तर में जीत हासिल हुई, जबकि भाजपा के सहयोगी शिवसेना शिंदे गुट ने औरंगाबाद सीट जीती।
चंद्रपुर, लातूर, शोलापुर कांग्रेस और नासिक उद्धव गुट की शिवसेना ने जीती। मुंबई रीजन की 6 सीटों में से भाजपा को 5 में हार मिली। पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हल्दिया, हुगली और दार्जिलिंग जैसे औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों में से भाजपा सिर्फ दार्जिलिंग में जीती।
भाजपा का दक्षिण भारत की औद्योगिक केंद्रों वाली सीटों पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। आंध्र प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों वाली गुंटूर, कडप्पा, चित्तूर (श्री सिटी औद्योगिक केंद्र) में भाजपा तो नहीं जीती। लेकिन उसकी सहयोगी टीडीपी ने इन तीन में से दो पर जीत हासिल की। तमिलनाडु के चेन्नई व कोयंबटूर औद्योगिक केंद्र वाली सीटों पर भी भाजपा को हार मिली। कर्नाटक में भाजपा को इस राज्य के अहम औद्योगिक केंद्र बेंगलूरु रीजन की 4 सीटों पर जीत हासिल हुई।