facebookmetapixel
अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौका

WTO MC13: इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क को लेकर भारत ने कहा- छूट के असर को लेकर विचार करने की जरूरत

WTO MC13: भारत ने जोर दिया है कि सभी नीतिगत विकल्प WTO के सदस्यों को उपलब्ध होना चाहिए, जिससे कि डिजिटल औद्योगीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके।

Last Updated- February 29, 2024 | 11:27 PM IST
MC13: 164 WTO countries will meet in Abu Dhabi, talks will be held on solutions to major issues related to global trade MC13: WTO के 164 देश करेंगे अबूधाबी में बैठक, वैश्विक कारोबार से जुड़े प्रमुख मसलों के समाधान पर होगी बातचीत

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क से छूट के असर पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है। खासकर विकासशील देशों और गरीब देशों पर इनके असर पर विचार किया जाना चाहिए।

भारत ने जोर दिया है कि सभी नीतिगत विकल्प डब्ल्यूटीओ के सदस्यों को उपलब्ध होना चाहिए, जिससे कि डिजिटल औद्योगीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके।

भारत को डर है कि डिजिटल क्रांति अभी भी हो रही है और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और 3डी प्रिंटिंग तकनीक की वजह से उत्पादों पर सीमा शुल्क अव्यावहारिक हो जाएगी क्योंकि जो उत्पाद अभी ऑफलाइन दिए जाते हैं, उन्हें आसानी से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर किया जा सकेगा।

डब्ल्यूटीओ की छूट के तहत सीमा पार ई-कॉमर्स के लेनदेन पर देश सीमा शुल्क नहीं लगाते हैं। 1998 से डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों ने कई बार छूट बढ़ाने पर सहमति दी है। आखिरी बार इस छूट को आगे बढ़ाने पर जून 2022 में हुए मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अनुमति मिली थी।

यह छूट 13वीं बैठक में खत्म हो जाएगी, अगर इसे आगे बढ़ाने का फैसला नहीं किया जाता है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश इस मसले पर बंटे हुए हैं। भारत सहित विकासशील देशों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क लागू करने के लिए नीतिगत जगह होनी चाहिए, क्योंकि छूट बनाए रखने से उनके राजस्व संग्रह पर विपरीत असर पड़ रहा है।

वहीं दूसरी ओर विकसित देशों जैसे ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया चाहते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर अगली मंत्रिस्तरीय बैठक तक सीमा शुल्क नहीं लगाया जाए।

First Published - February 29, 2024 | 11:27 PM IST

संबंधित पोस्ट