नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) ने रविवार को कहा कि केंद्रीय थिंक टैंक सचिवों के सेक्टर वाइज समूहों द्वारा Viksit Bharat 2047 (विकसित भारत 2047) के लिए दी गई सभी रिपोर्टों की फाइनल रूपरेखा तैयार करने के अंतिम चरण में है। Viksit Bharat 2047 एक विजन डॉक्यूमेंट है जिसके तहत भारत को 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रमण्यम ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ‘Viksit Bharat @2047: Voice of Youth’ का शुभारंभ करेंगे, जहां वह देश भर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों (Vice Chancellors), संस्थानों के प्रमुखों और फैकल्टी मेंबर्स को संबोधित करेंगे।
सुब्रमण्यम ने कहा कि युवा सहभागिता अभियान डॉक्यूमेंट की तैयारी का अंतिम चरण होगा, जहां एक वेब पोर्टल के माध्यम से छात्रों से आइडियाज जुटाए जाएंगे। यह पोर्टल जनवरी के मध्य तक खुला रहेगा।
जनवरी के अंत तक, पीएम मोदी डॉक्यूमेंट लॉन्च करेंगे, जिसमें 2047 तक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 17,590 डॉलर, 1,273 ट्रिलियन (लाख करोड़) रुपये का निवेश और 90 प्रतिशत की साक्षरता दर का अनुमान लगाया गया है।
विशेष रूप से, केंद्र द्वारा विजन के लिए किए गए मैक्रोइकनॉमिक मॉडलिंग के अनुसार 2047 में भारत का व्यापार घाटा (trade deficit ) लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर होगा, जिसमें 8.67 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात और 12.12 ट्रिलियन डॉलर का आयात होगा।
यह अभ्यास दिसंबर 2021 में कैबिनेट सचिव द्वारा शुरू किया गया था, जिसके बाद 10 सेक्टर वाइज ग्रुप का गठन किया गया। वे 10 सेक्टर ग्रामीण और कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, संसाधन, सोशल विजन, वेलफेयर, फाइनैंस और अर्थव्यवस्था, कामर्स और इंडस्ट्री, टेक्नोलॉजी, गवर्नेंस और सुरक्षा और विदेशी मामलों हैं।
यह विजन इस विचार पर टिका है कि भारत अगले 25 सालों में अपनी स्वतंत्रता के बाद की अधिकांश समस्याओं से सफलतापूर्वक निपट लेगा, और उसे चुनौतियों के एक अलग सेट को पार करने की आवश्यकता होगी। इन चुनौतियों में से प्रमुख है- मिडिल इनकम ट्रैप। सुब्रह्मण्यम ने अक्टूबर में कहा था देश की प्रति व्यक्ति आय 5000-6000 डॉलर के आसपास स्थिर हो सकती है, जिसके बाद आर्थिक विकास में मंदी आएगी।
2024 में लोकसभा चुनावों से पहले, केंद्र के 25 सालों के अनुमानों को भी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सितम्बर में कहा था, ‘सुपरवापर बनने के बारे में बोलना जल्दबाजी होगी क्योंकि हमारे बहुत से लोग अभी भी बहुत ही गरीब हैं। हमें अभी भी पहले गरीबों, हाशिये पर पड़े लोगों और वंचितों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना होगा।’
वर्तमान महंगाई दर और बेरोजगारी का हवाला देते हुए, थरूर ने कहा था: ‘इन परिस्थितियों में अब से 25 साल दूर के भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।’