उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले लगभग साढ़े सात साल में राज्य के ‘विकास पुरुष’ बन गए हैं। उनकी सरकार बनने के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक पर्यटन, कृषि उत्पादन और सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) समेत तकरीबन हर क्षेत्र में जो चौतरफा तेज विकास हुआ है, राज्य के नीति निर्माता उसका श्रेय ‘योगीनॉमिक्स’ को देते हैं।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अक्टूबर में हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड ‘समृद्धि’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने ‘योगीनॉमिक्स’ के सूत्रों और पहलुओं पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि ‘योगीनॉमिक्स’ का पहला सूत्र है पूरी तरह कानून व्यवस्था का शासन और अपराध को कतई बरदाश्त नहीं करना। प्रदेश में सबसे पहले अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की इसी नीति को लागू किया गया।
अगस्त में उत्तर प्रदेश विधानसभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला दिया। आंकड़े रखते हुए उन्होंने दावा किया कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से राज्य में अपराध की दर समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौर की तुलना में कम हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके शासन के दौरान लूटपाट और डकैती के मामलों में 78.17 फीसदी, हत्या के मामलों में 43.21 फीसदी, दंगों में 67.42 फीसदी और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई है।
अवस्थी ने ‘योगीनॉमिक्स’ के दूसरे सूत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत सरकार के हर विभाग को नवीनतम तकनीक मुहैया कराई गई ताकि अधिक से अधिक लोगों को केंद्र और राज्य सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं में शामिल किया जा सके तथा उनका लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल लाभार्थियों की संख्या के मामले में अव्वल बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार की सभी योजनाओं के लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी तक पहुंच जाएं।
यदि सभी राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की संख्या देखें तो इस समय उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत योजना जैसी योजनाएं भी इसी राज्य में सबसे अधिक दायरे में फैली हैं।
अवस्थी ने कहा कि देश में खाद्यान्न, आलू, दूध और मटर उत्पादन में इस समय उत्तर प्रदेश ही पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा, ‘असल बात तो यह है कि उत्तर प्रदेश में जितनी अधिक उपजाऊ भूमि है, मानव संसाधन और आबादी में युवाओं की जितनी बड़ी हिस्सेदारी है उसे देखते हुए इस प्रदेश को कृषि, पर्यटन समेत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में सबसे ऊपर होना चाहिए।’
राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार प्रदान करना और प्रदेश की महिलाओं को कामकाज के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना ‘योगीनॉमिक्स’ का तीसरा सूत्र है। मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा कि इसके तहत रोजगार सृजन और सभी को कौशल प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है मगर उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राज्य को इस दिशा में अभी काफी ज्यादा काम करना है। उन्होंने कहा कि युवाओं को 5 लाख रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज दिलाने वाली हाल में शुरू की गई योजना इस मामले में काफी कारगर साबित होगी।
‘योगीनॉमिक्स’ में निवेश तथा बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी पूरा ध्यान दिया गया है और उसी के कारण पूरे देश में आज एक्सप्रेसवे और राजमार्ग यानी हाईवे का सबसे बड़ा नेटवर्क उत्तर प्रदेश में ही है। इतना ही नहीं देश में सबसे अधिक हवाई अड्डे भी आज इसी प्रदेश में हैं। अवस्थी ने कहा, ‘1997-98 में जब मेरी नियुक्ति अयोध्या में की गई थी तब मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था कि एक दिन वहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनेगा।’
उन्होंने कहा कि सबसे लंबे समय तक उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री बन चुके योगी आदित्यनाथ (गोविंद वल्लभ पंत 1946 से 1950 तक करीब चार साल संयुक्त प्रांत के प्रधानमंत्री रहे थे और राज्य का नाम बदलने के बाद उन्होंने पहले मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल तक काम किया था) जब गोरखपुर के सांसद थे तब उनकी पहल पर वहां से पहली उड़ान शुरू कराई गई तो लोगों ने कहा कि उसके लिए यात्री ही नहीं मिलेंगे। लेकिन आज गोरखपुर से 18 उड़ानें चलती हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह वाराणसी हवाई अड्डा विमानन का बड़ा केंद्र बन चुका है। उसके अलावा अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद हवाई अड्डे हैं और चित्रकूट में खूबसूरत टेबल-टॉप (पहाड़ी या ऊंचाई पर रनवे वाला) हवाई अड्डा बनाया गया है। मुसाफिरों की संख्या के लिहाज से लखनऊ देश का सबसे तेज बढ़ रहा हवाई अड्डा है और उत्तर प्रदेश से जल्द ही 10 लाख यात्रियों की आवाजाही होने लगेगी। उत्तर प्रदेश में विमानन के क्षेत्र में हुए शानदार काम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि नोएडा के समीप जेवर हवाई अड्डा 2008-09 से कागजों में ही पड़ा था मगर आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उसमें तेजी आ गई। जल्द ही इस हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
अवस्थी के मुताबिक मुफ्त की रेवड़ी बंद करना ‘योगीनॉमिक्स’ का बेहद महत्त्वपूर्ण सूत्र है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बजट में रेवड़ी बांटने के बजाय उसी धन को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवंटित करने का निर्णय लिया, जिससे राज्य के लिए वृद्धि की राह तैयार की जा सकी। अवस्थी ने कहा कि राज्य की वृद्धि के लिए गढ़े गए ये सूत्र ही असल में ‘योगीनॉमिक्स’ हैं। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में काम, एक्सप्रेसवे और लॉजिस्टिक्स हब निर्माण तथा गांवों में सुधार को अगले स्तर तक ले जाने जैसी कुछ चुनौतियां अभी बाकी हैं मगर उनसे भी जल्द ही पार पा लिया जाएगा।
राज्य के योजनाकारों को उम्मीद है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य में ‘योगीनॉमिक्स’ रफ्तार भरेगी और उसकी मदद से उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बन जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दो साल पहले कहा था कि प्रदेश की आबादी 25 करोड़ के करीब है, इसलिए देश को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में उसका योगदान भी उतना ही ज्यादा होना चाहिए।
प्रदेश में वृद्धि कितनी तेजी से और कितने बड़े स्तर पर हो रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2017 में बागवानी विभाग के लिए केवल 94 लाख रुपये का बजट रखा गया था, जो अब करीब 40 फीसदी बढ़कर 131 लाख रुपये हो गया है। अवस्थी ने कहा, ‘2017 से पहले कोई भी विभाग अपने लिए आवंटित बजट में ज्यादा से ज्यादा 10-15 फीसदी इजाफे का ही सपना देख सकता था। इससे पता चलता है कि अब हमारा स्तर कितने गुना ऊपर जा चुका है।’
सांस्कृतिक पर्यटन में वृद्धि भी ‘योगीनॉमिक्स’ का एक अहम पहलू है और इसीलिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का बजट लगभग 10 गुना कर 200 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया गया है। अवस्थी ने बताया कि पिछले साल उत्तर प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटक आए थे। उन्होंने कहा कि जनवरी-फरवरी में प्रयागराज में महाकुंभ मेला हो रहा है, इसलिए इस साल पर्यटकों की संख्या 58 से 60 करोड़ तक रहने की संभावना है। पहले तिरुपति पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्थान था मगर अब वाराणसी और अयोध्या का आकर्षण सबसे ज्यादा हो गया है। अवस्थी ने कहा कि अयोध्या में इस समय रोजाना 2 लाख पर्यटक आ रहे हैं।
मगर प्रदेश सरकार पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और प्रदेश की नदियों को साफ रखने के प्रयास भी तेज कर रही है। अवस्थी ने कहा, ‘अगर आप पिछले कुंभ मेले में गए थे तो मेरे कहने पर इस बार भी कुंभ में जरूर पहुंचिए। आप खुद देख पाएंगे कि प्रयागराज में अब जल पहले के मुकाबले कितना अधिक साफ हो गया है।’
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार डॉ रहीस सिंह ने कहा कि आदित्यनाथ के शासनकाल में उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का नजरिया 2017 से पहले की तुलना में काफी बदल गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का आर्थिक मॉडल वेदों में दिए गए प्राचीन भारतीय ज्ञान पर आधारित है, जो शांति और सांस्कृतिक आर्थिक वृद्धि की बात करते हैं। प्रयागराज में हम महाकुंभ मेले के लिए 4,000 हेक्टेयर में एक नगरी बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बड़े उद्योगों को एमएसएमई क्षेत्र के साथ जोड़ने का काम किया है और सूक्ष्म उपक्रमों को भी मौके दे रहे हैं। मिसाल के तौर पर दीपावली पर अयोध्या में 55 लाख दीये जलने से स्थानीय कारीगरों की अच्छी आय हो गई। सिंह ने कहा, ‘लोगों के ध्यान से यह बात चूक रही है कि मुख्यमंत्री के कदमों और योजनाओं से लोगों को आजीविका मिलने का तरीका कितना बदल गया है।’