रीपो रेट (repo rate) को अपरिवर्तित रखने के मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल भुगतान की पहुंच व इस्तेमाल को और बढ़ाने के लिए UPI पर ‘कन्वर्सेशनल पेमेंट’ को सक्षम करने का प्रस्ताव रखा।
दास ने कहा कि यह यूजर्स को पेमेंट करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संचालित प्रणालियों के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाएगा। बाद में, RBI ने प्रस्ताव पर अधिक विवरण प्रदान करते हुए ‘विकास और नियामक नीतियों पर वक्तव्य’ भी जारी किया।
बयान में कहा गया है, ‘चूंकि AI तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में इंटीग्रेट हो रही है, इसलिए ‘कन्वर्सेशनल’ निर्देश का प्रयोग करना आसान है। इसके परिणामस्वरूप UPI सिस्टम को एक्सेस करने में काफी संभावनाएं हैं।’
इसमें कहा गया है कि यह सुविधा स्मार्टफोन और फीचर फोन-आधारित UPI चैनल दोनों में उपलब्ध होगी। इसे शुरुआत में हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध कराया जाएगा और अधिक भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें कहा गया है, ‘NPCI को निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।’
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इसके अतिरिक्त, दास ने ‘UPI-Lite’ ऑन-डिवाइस वॉलेट के माध्यम से नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) तकनीक का उपयोग करके UPI पर ऑफलाइन पेमेंट शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा।
बाद में जारी बयान में कहा गया, ‘यह सुविधा न केवल उन स्थितियों में खुदरा डिजिटल पेमेंट को सक्षम करेगी जहां इंटरनेट/दूरसंचार कनेक्टिविटी कमजोर है या उपलब्ध नहीं है, बल्कि यह न्यूनतम लेनदेन गिरावट के साथ गति भी सुनिश्चित करेगी।’
NFC तकनीक दो उपकरणों – जैसे फोन और पेमेंट टर्मिनल को एक-दूसरे के करीब रखे जाने पर एक-दूसरे से बात करने की अनुमति देती है। यह कॉन्टैक्टलेस पेमेंट को सक्षम बनाता है।
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RBI की MPC ने सर्वसम्मति से लगातार तीसरी बार रीपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। हालांकि, इसने संकेत दिया कि यदि खाद्य पदार्थों की कीमतों से महंगाई बढ़ती है तो समिति कार्रवाई करने के लिए तैयार रहेगी।
अकोमोडेशन रुख को वापस लेने के फैसले पर रिजर्व बैंक कायम है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि ग्रोथ को बनाए रखने के लिए 6 में से 5 सदस्यों ने अकोमोडेशन की वापसी के रुख (withdrawal of accommodation) को लेकर अपनी सहमति जताई है।
केंद्रीय बैंक ने अपनी पिछली समीक्षा में मार्च में समाप्त होने वाले वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया। इसने चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी वृद्धि लक्ष्य बरकरार रखा है।
महंगाई पर, दास ने कहा कि टमाटर की वजह से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी, निकट अवधि में दबाव डालेगी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, बाजार में ताजा आवक के साथ यह उछाल कम होने की संभावना है।’ उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में मॉनसून और खरीफ की बुआई की प्रगति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।