Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार में प्रमुख ड्राइविंग फैक्टर्स के रूप में महंगाई का डेटा, कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक आर्थिक रुझान काम करेंगे।
इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की ट्रेडिंग गतिविधि भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
Religare Broking Ltd के रिसर्च एसवीपी, अजीत मिश्रा ने बताया, “इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा जारी होने वाले हैं। घरेलू स्तर पर निवेशकों की निगाहें भारत की CPI और WPI महंगाई पर रहेंगी, जो महंगाई की दिशा और मौद्रिक नीति पर संकेत देंगी।”
उन्होंने आगे कहा, “कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी ध्यान रहेगा। इस हफ्ते ONGC, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों के परिणाम बाजार को सेक्टोरल संकेत देंगे।”
बीते हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। बीएसई का बेंचमार्क 722.43 अंक यानी 0.86% गिर गया, जबकि एनएसई निफ्टी 229.8 अंक यानी 0.89% की कमजोरी दिखा।
विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले सप्ताह में निवेशकों की नजर कुछ अहम घरेलू और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर रहेगी।
घरेलू स्तर पर, अक्टूबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) यानी महंगाई के आंकड़े सबसे अहम होंगे। ये डेटा निवेशकों को भविष्य में ब्याज दरों के रुख को समझने में मदद करेगा।
वैश्विक स्तर पर, अमेरिका में चल रहे सरकारी बंद (US government shutdown) पर सभी की निगाहें हैं। सरकारी बंद की वजह से कई अहम आर्थिक आंकड़े जारी नहीं हो पा रहे हैं, जो निवेशकों और नीतिगत निर्णय लेने वालों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Enrich Money के CEO, पोनमुडी आर का कहना है कि रुपया-दॉलर की चाल और ब्रेंट क्रूड की कीमतें भी निवेशकों के मूड को प्रभावित करेंगी।
Geojit Investments के हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर ने बताया कि अगले सप्ताह बाजार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि महंगाई के आंकड़े क्या संकेत देते हैं, विदेशी निवेशक (FII) पैसे कहां लगा रहे हैं, अमेरिका में सरकारी बंद का हाल क्या है और अमेरिका, भारत और चीन के बीच व्यापार बातचीत में क्या प्रगति होती है।
(पीटीआई इनपुट के साथ)