हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने भारत में परिचालन पर वित्त वर्ष 25 का समापन 6,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ करने की योजना बनाई है। अगले साल में उसके 8,000 करोड़ रुपये का खर्च करने की संभावना है। कंपनी के प्रबंध निदेशक सतीश पई ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ वर्चुअल साक्षात्कार में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चौथी तिमाही में नोवेलिस के प्रदर्शन में सुधार होगा, अमेरिकी शुल्कों का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में चीन का एल्युमीनियम आयात अब सस्ता नहीं है। प्रमुख अंश …
तीसरी तिमाही के भारत के परिचालन प्रदर्शन ने नोवेलिस से हुई नरमी दूर करने में मदद की। क्या आपको लगता है कि यह रुझान अगली कुछ तिमाहियों में भी बरकरार रहेगा?
चौथी तिमाही में नोवेलिस में सुधर आएगा। मार्च तिमाही में भारत और नोवेलिस दोनों को बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए और यह अच्छी तिमाही रहनी चाहिए। तीसरी तिमाही नोवेलिस (के मामले में) आमतौर पर नरम रहती है क्योंकि छुट्टियों के दौरान वे अपना रखरखाव करते हैं। स्क्रैप स्प्रेड की तंगी से यह और बिगड़ी। लेकिन चौथी तिमाही में बिक्री में सुधार आएगा।
एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्कों के लिहाज से आपके दोनों बाजारों – भारत और अमेरिका के मामले में का कैसा परिदृश्य है?
ट्रंप के शुल्कों से हमारे भारतीय कारोबार के लिए कोई नकारात्मक बात नहीं है क्योंकि हम अमेरिका को कुछ भी निर्यात नहीं करते हैं। हम पर असर नहीं है। वैसे, अमेरिका में जो हो रहा है, यह उसके लिए (नोवेलिस के लिए) तटस्थ से सकारात्मक है क्योंकि मिडवेस्ट (प्रीमियम) बढ़ने पर स्क्रैप का लाभ बढ़ जाएगा।
ऐसी चिंताएं हैं कि अमेरिकी शुल्क के कारण अमेरिका को जाने वाला निर्यात अन्य बाजारों में भेजा जाएगा। आपके अन्य निर्यात बाजारों पर इसका क्या असर पड़ने के आसार हैं?
अमेरिका जिस प्राथमिक एल्युमीनियम का इस्तेमाल करता है, उसका 90 प्रतिशत भाग एक ही देश – कनाडा से आता है। ऐसा नहीं है कि दुनिया के कई अलग-अलग हिस्सों से बहुत सारा एल्युमीनियम वहां जा रहा हो। मुझे उम्मीद नहीं कि दुनिया भर में
एल्युमीनियम के दामों पर असर पड़ेगा। क्षेत्रीय प्रीमियम पर असर पड़ता है।
कुछ तिमाही पहले आपने एल्युमीनियम के लिए चीन से आयात पर चिंताएं जताई थीं। क्या आपको अब भी वे चिंताएं दिख रही हैं?
नहीं, चीन ने जो किया है, वह ट्रंप शुल्क से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। वह यह कि उन्होंने 13 प्रतिशत वैट छूट हटा दी है। भारत में चीन के आयात के दाम बढ़ गए हैं। चीन संभवतः अमेरिकी शुल्क से खुद को बचाने के लिए अपनी सब्सिडी हटा रहा है। इस 13 प्रतिशत छूट के हटने से अब चीन के लिए एल्युमीनियम निर्यात करना ज्यादा महंगा हो गया है। वे भारत में काफी कम दामों पर डंप करने में सक्षम नहीं रहेंगे।
नोवेलिस के आईपीओ योजनाओं पर कोई जानकारी?
फिलहाल हमें नोवेलिस का मुनाफा 500 डॉलर प्रति टन के स्तर पर वापस लाना है। हमें बे मिनेट परियोजना को पूरा करना है जिसे सितंबर 2026 में चालू किया जाना है। जब तक ये दोनों चीजें नहीं होतीं, तब तक फिलहाल आईपीओ प्राथमिकता नहीं है। कम से कम एक और साल तक इस बारे में नहीं सोच रहें हैं।