मार्च महीने में भारत से वस्तुओं का निर्यात 0.67 फीसदी बढ़कर 41.97 अरब डॉलर रहा। अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क के 9 अप्रैल से प्रभावी होने की आशंका से पहले माल भेजे जाने से निर्यात में इजाफा हुआ है। हालांकि अब अमेरिका ने जवाबी शुल्क पर अस्थायी रोक लगा दी है। इसी तरह मार्च में आयात 11 फीसदी बढ़कर 63.51 अरब डॉलर पहुंच गया, जिसकी वजह से व्यापार घाटे की खाई और चौड़ी होकर 21.54 अरब डॉलर हो गई।
वाणिज्य विभाग द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार आयात में वृद्धि मुख्य रूप से तेल और सोने का आयात तेजी से बढ़ने के कारण हुई है। मार्च में 19 अरब डॉलर मूल्य के तेल का आयात किया गया जो मई 2024 के बाद सबसे अधिक है। मई 2024 में 19.95 अरब डॉलर मूल्य के तेल का आयात किया गया था। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वस्तुओं का निर्यात एक वर्ष पूर्व की समान अवधि के 437.07 अरब डॉलर की तुलना में 437.42 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
वैश्विक बाजार में पेट्रोलियम के दाम में नरमी और अमेरिका की व्यापार नीतियों से दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने से वित्त वर्ष 2025 के 12 महीनों में से 6 में निर्यात में गिरावट आई थी। वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, समुद्री मार्ग के प्रभावित होने और विकसित देशों में मंदी की आशंका के मद्देनजर वित्त वर्ष 2025 व्यापार के लिहाज से कठिन साल रहा।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि भारत ने अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।’ भारत से वस्तु निर्यात का परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है क्योंकि जवाबी और क्षेत्र विशेष के लिए अतिरिक्त शुल्क का खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका इस्पात, एल्युमीनियम और वाहन आयात जैसे क्षेत्रों पर इस तरह का शुल्क पहले ही लागू कर चुका है।
अमेरिका ने देश-विशिष्ट जवाबी शुल्कों के कार्यान्वयन को अस्थायी रूप से रोक दिया है। अमेरिकी प्रशासन ने चीन को छोड़कर अपने सभी व्यापार में भागीदार देशों पर 10 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया है, इससे दुनिया भर में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
बड़थ्वाल ने कहा कि आगे चलकर निर्यात का परिदृश्य अमेरिका द्वारा लिए जा रहे निर्णय के बीच कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें जवाबी शुल्कों पर 90 दिनों की रोक, कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं पर छूट, कुछ देशों द्वारा जवाबी कार्रवाई की संभावना, विभिन्न देशों द्वारा अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने का प्रयास शामिल है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात मार्च में 2.2 फीसदी की वृद्धि के साथ 37.07 अरब डॉलर रहा। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि निर्यात के आंकड़े ने प्रस्तावित शुल्क से पहले शिपमेंट की फ्रंट लोडिंग की उम्मीदों को झुठला दिया, जिससे घाटे का आंकड़ा उम्मीद से अधिक हो गया।