वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट 1 फरवरी को आने जा रहा है। देश के मुख्य कार्याधिकारियों के एक धड़े का मानना है कि बजट में सरकार को आयकर की दरें कम करनी चाहिए, कम ब्याज दर का लाभ उठाते हुए बुनियादी ढांचे पर निवेश बढ़ाने पर जोर देना चाहिए और साथ ही कारोबारी सुगमता की दिशा में और कदम उठाने पर ध्यान देना चाहिए। उनका मानना है कि इन कदमों से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
इस बार का बजट महामारी के बाद आर्थिक सुधार एवं दिसंबर तिमाही में कंपनियों की आय बेहतर रहने की उम्मीद के बीच आएगा। कम ब्याज दरें, कोविड मामलों में कमी और वृहद आर्थिक आंकड़े अच्छे रहने से कॉरपोरेट जगत और शेयर बाजार का मनोबल बढ़ा हुआ है। लेकिन मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि बजट में दीर्घावधि के लिहाज से बड़े कदमों पर ध्यान देना चाहिए।
एक मुख्य कार्याधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘अर्थव्यवस्था महामारी के असर से उबर रही है, ऐसे में बजट में मांग में सुधार पर प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही जन स्वास्थ्य पर सरकार की योजनाओं पर भी पूरे देश की नजर रहेगी।’
एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के प्रमुख ने कहा, ‘ब्याज दरें काफी नीचे हैं। ऐसे में बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में निवेश के लिए यह बेहतर समय है। साथ ही कारोबार को सुगम बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस दिशा में काफी कुछ अभी तक कागजों तक ही सीमित है। सरकार को कारोबारियों को विकास के साझेदार के तौर पर देखना चाहिए और कर ढांचे को भी सुगम बनाना चाहिए।’
सरकार ने देश में कारोबार को सुगम बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, लेकिन मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि यह अभी भी वास्तविक धरातल पर पूरी तरह से उतर नहीं पाया है। लंदन में एक टेक्सटाइल रिटेल कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘मैं पिछले 14 महीने से ट्रेडमार्क पंजीकरण कराने का इंतजार कर रहा हूं जबकि ब्रिटेन में यह चार महीने से भी कम समय में हो जाता है।’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से उनके ईमेल का भी कोई जवाब नहीं दिया जाता है।
एक बड़ी स्टील कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि बजट में एक राष्ट्र, एक बिजली दर की नीति का प्रस्ताव किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली उत्पादक कंपनियों को भी मदद मिलेगी।
एक अन्य मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को सरकार की ओर से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए ताकि विदेश से धन प्रेषण में फिर से तेजी आ सके। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने कहा, ‘भारतीय नागरिक अगर 240 दिन देश से बाहर रहता है तो वह प्रवासी भारतीय का दर्जा पाने का दावा कर सकता है। इसे घटाकर 120 दिन किया जाना चाहिए।’
महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित उद्योग यात्रा, पर्यटन तथा विमानन क्षेत्र के मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि उद्योग की सहायता के लिए कर की दरें कम की जानी चाहिए। एक विमानन कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘सरकार को एक साल के लिए विमानन ईंधन पर कर घटाकर उद्योग की मदद करनी चाहिए।’
पनबिजली परियोजना से जुड़े एक मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘वित्तीय प्रणाली में समुचित तरलता सुनिश्चित करने और साथ ही शिक्षा नीति, श्रम संहिता और कृषि कानूनों में संरचनात्मक सुधार करने का समय है।’
बिजली कंपनी के एक मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि बजट में विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके साथ ही बिजली क्षेत्र सहित सभी तरह की सब्सिडी प्रत्यक्ष अंतरण के तहत की जाए और सभी के लिए आयकर की दरें कम की जानी चाहिए।
