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GST की कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का निर्णय, अभियोजन की सीमा बढ़ी

Last Updated- December 17, 2022 | 4:26 PM IST
Nirmla sitaraman

GST परिषद ने नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर शनिवार को सहमति जताने के साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने GST परिषद की 48वीं बैठक खत्म होने के बाद इसमें लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी।

हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GST परिषद समय की कमी के कारण बैठक के एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। GST पर अपीलीय अधिकरण बनाने के अलावा पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया।

सीतारमण ने GST परिषद की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है। उन्होंने कहा कि परिषद ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) के वर्गीकरण को लेकर स्थिति स्पष्ट की है और इस तरह के वाहनों पर लगने वाले कर को भी साफ कर दिया गया है।

मल्होत्रा ने कहा कि इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर GST लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (GOM) ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि GOM की रिपोर्ट GST परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी।

उन्होंने कहा कि परिषद ने GST कानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर सहमति दी। मौजूदा समय में अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने की सीमा एक करोड़ रुपये है।

इसके साथ ही दालों के छिलके पर GST को हटाने का फैसला भी किया गया। अभी तक दालों के छिलके पर पांच फीसदी की दर से GST लगता था लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया है।

परिषद माल और सेवा कर (GST) व्यवस्था के बारे में फैसला करने वाला सर्वोच्च निकाय है। परिषद की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

First Published - December 17, 2022 | 4:26 PM IST

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