facebookmetapixel
LIC की मांग: उच्च मूल्य बीमा पॉलिसी की कर सीमा ₹5 लाख से बढ़कर ₹10 लाख होCBDT चेयरमैन का दावा: FY26 में 25.2 लाख करोड़ रुपये का कर लक्ष्य होगा हासिलसरकार का दावा: GST सुधार से वित्तीय क्षेत्र में रफ्तार लौटेगी, सस्ती लोन दरों से अर्थव्यवस्था में तेजीकंपनी संशोधन विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद, प्रोफेशनल फर्मों पर बड़ी राहत के संकेतलगातार छठे दिन चढ़ा शेयर बाजार, निफ्टी फिर 26,000 के पार और सेंसेक्स 84,951 पर बंदAI से इतर रोटेशन ट्रेड में भारत बनेगा बड़ा फायदेमंद बाजार, CLSA का दावाटाटा मोटर्स पर मंडराया सेंसेक्स से बाहर होने का खतरा, इंडिगो ले सकती है जगहUnemployment Rate: अक्टूबर में बेरोजगारी दर 5.2% पर स्थिर, गांवों में सुधार लेकिन शहरी क्षेत्रों में बढ़ा दवाबभारत में Demat Boom… पर क्यों 85% परिवार अभी भी मार्केट में नहीं आते?Explainer: नया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियम क्या है इसका आपके ऊपर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?

World bank के चेयरमैन ने की भारत की तारीफ, कहा-चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरी भारत की इकॉनमी

बंगा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सुस्ती होने के बावजूद अपने घरेलू खपत की वजह से सुरक्षित है।

Last Updated- July 19, 2023 | 7:03 PM IST

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा (World bank Chairman) ने बुधवार को कहा कि भारत वैश्विक सुस्ती (Global Slowdown) के दौर में कई ऐसे कदम उठा रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं।

विश्व बैंक के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बंगा ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारत कोविड महामारी (Covid-19) के समय पैदा हुई चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है, लेकिन उसे यह रफ्तार आगे भी कायम रखने की जरूरत है।

रफ्तार बनाए रखने की जरूरत: बंगा 

बंगा ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक स्तर पर कायम सुस्ती के बीच काफी कुछ ऐसा कर रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं। भारत के पक्ष में एक खास बात यह है कि इसके सकल घरेलू उत्पाद (India GDP) में बड़ा हिस्सा घरेलू स्तर का है। भारत महामारी के दौर की चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है लेकिन उसे यह रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है।’’

बंगा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सुस्ती होने के बावजूद अपने घरेलू खपत की वजह से सुरक्षित है। उच्च आय वाली नौकरियों में संभावित वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर बंगा ने कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि ये नौकरियां कहां पर हैं। ये नौकरियां प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैं और बहुत कम संख्या में हैं। फिर विनिर्माण क्षेत्र में ऐसी नौकरियां हैं। भारत के सामने फिलहाल यह मौका है कि वह ‘चीन प्लस वन’ रणनीति का फायदा उठाए।’’

चीन प्लस वन रणनीति का मतलब है कि दुनिया के विकसित देशों की कंपनियां अब अपने विनिर्माण केंद्र के तौर पर चीन के साथ किसी अन्य देश को भी जोड़ना चाहती हैं। इसके लिए भारत भी एक संभावित दावेदार के तौर पर उभरकर सामने आया है।

बंगा ने कहा, ‘‘भारत को यह भी ध्यान रखना होगा कि चीन प्लस वन रणनीति से मिलने वाला अवसर उसके लिए 10 वर्षों तक नहीं खुला रहेगा। यह तीन से लेकर पांच साल तक उपलब्ध रहने वाला अवसर है जिसमें आपूर्ति शृंखला को अन्य देश में ले जाने या चीन के साथ अन्य देश को जोड़ने की जरूरत है।’’

बंगा इस समय भारत के दौरे पर

कोविड-19 महामारी के दौरान चीन में विनिर्माण गतिविधियां पूरी तरह ठप होने से आपूर्ति शृंखला पर बहुत बुरा असर पड़ा था। उसी समय से बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने विनिर्माण गतिविधियों के लिए चीन के विकल्प की तलाश शुरू कर दी थी।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जी20 सम्मेलन और विश्व बैंक एवं भारत के बीच सहयोग जैसे कई मुद्दों पर भी उनकी चर्चा हुई है। पिछले महीने की शुरुआत में विश्व बैंक की कमान संभालने वाले 63 वर्षीय बंगा इस समय भारत के दौरे पर आए हैं। यह विश्व बैंक अध्यक्ष के तौर पर उनकी पहली भारत यात्रा है।

First Published - July 19, 2023 | 7:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट