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औद्योगिक वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क पर हो बात

थिंक टैंक ने सिफारिश की है कि भारत को 90 प्रतिशत इंडस्ट्रियल टैरिफ लाइन पर शुल्क खत्म कर देना चाहिए, अगर अमेरिका भी ऐसा करता है।

Last Updated- March 25, 2025 | 10:59 PM IST
Donald Trump

दिल्ली की संस्था ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीटीआरआई) ने मंगलवार को कहा कि इस सप्ताह सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ब्रेंडन लिंच के साथ हो रही बातचीत के दौरान भारत को केवल औद्योगिक वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क पर बातचीत करने पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अमेरिका के सरकारी अधिकारियों के एक दल के साथ लिंच 5 दिन के भारत दौरे पर आए। यह दौरा भारतीय पक्ष से बातचीत करने के लिए 25 मार्च से शुरू हुआ। इसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा होनी है। इसमें प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के विवरण पर चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य सौदे की रूपरेखा को अंतिम रूप देना है। दोनों पक्ष उम्मीद कर रहे हैं कि समझौते का पहला चरण 2025 में पूरा हो जाएगा।

थिंक टैंक ने सिफारिश की है कि भारत को 90 प्रतिशत इंडस्ट्रियल टैरिफ लाइन पर शुल्क खत्म कर देना चाहिए, अगर अमेरिका भी ऐसा करता है। इससे भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वस्तु व्यापार का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शामिल हो जाएगा। इसने आगे यह भी सिफारिश की है कि भारत को बौद्धिक संपदा, डिजिटल ट्रेड, कृषि पर शुल्क या सब्सिडी या सरकारी खरीद जैसे मामलों पर चर्चा में शामिल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा अमेरिकी दिग्गज कंपनियों टेस्ला, स्टारलिंक, एमेजॉन और अमेरिकन दवा कंपनियों के लिए नियमों में ढील देने पर बातचीत से राष्ट्रीय सुरक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार और भारतीय व्यवसायों पर दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।

पिछले महीने भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की चिंता दूर करने के लिए 1 फरवरी के केंद्रीय बजट में कई वस्तुओं पर बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती करने के साथ-साथ ट्रंप से मुलाकात से पहले बरबन व्हिस्की पर भी कर घटाने का प्रयास किया था। इसमें कहा गया है कि भारत ने हाल में मोटरसाइकल, और व्हिस्की जैसे उत्पादों पर अमेरिका पर शुल्क घटाने की एकतरफा घोषणा की थी, जिसे अमेरिका ने स्वीकार नहीं किया।

एक अन्य रिपोर्ट में जीटीआरआई ने कहा कि भारत को प्रस्तावित बीटीए पर अमेरिका से बातचीत में सावधानी बरतने की जरूरत है। अमेरिका में ‘फास्ट ट्रैक ट्रेड अथॉरिटी’ (एफटीटीए) न होने से किसी भी समझौते को कांग्रेस द्वारा बदलाव किए जाने की संभावना बनी रहती है। एफटीटीए एक विशेष अधिकार है, जिसके तहत अमेरिकी कांग्रेस किसी देश के साथ व्यापार वार्ता में तेजी लाने व उसे सरल बनाने के लिए राष्ट्रपति को विशेष अधिकार देती है।

First Published - March 25, 2025 | 10:27 PM IST

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