भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोटों की छपाई न करने के साथ ही इसे वापस लिए जाने की शुक्रवार को घोषणा की जिसके बाद से ही उत्तरी कोलकाता के पोस्ता बाजार में 2,000 रुपये के नोट बड़ी मात्रा में आ रहे हैं। यह बाजार पूर्वी भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक है।
पोस्ता बाजार के बड़े थोक विक्रेताओं में से एक श्री शिव ऑयल ऐंड पल्सेज के नीरज अग्रवाल ने कहा, ‘शनिवार को बाजार खुलने के बाद आधे दिन तक खुदरा विक्रेता केवल गुलाबी नोट ही लेकर आए। कुछ लोग जल्द भुगतान करना चाहते हैं और खाते का निपटान भी करना चाहते हैं, लेकिन 2,000 रुपये के नोटों में।’
पोस्ता बाजार में बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन किया जाता है। यहां क्रेडिट अवधि 15 दिनों से एक महीने के बीच है। यह बाजार, पश्चिम बंगाल के लगभग 30 प्रतिशत हिस्से को खाद्य तेल, नमक, अनाज, मसालों और खाद्यान्न उत्पादों की आपूर्ति करता है। यहां के थोक व्यापारी आने वाले दिनों में गुलाबी नोटों के आने की अधिक उम्मीद कर रहे हैं।
फिर भी इस वक्त हालात वैसे नहीं हैं जैसा कि उन्होंने वर्ष 2016 में 500 और 1,000 रुपये की नोटबंदी के दौरान देखा था। अग्रवाल ने कहा, ‘उस वक्त भीड़ का हुजूम नजर आ रहा था और हर कोई दहशत में था। इस बार सितंबर तक का समय है लेकिन हमें उम्मीद है कि लोगों के पास दस दिन में नोट खत्म हो जाएंगे।’
पोस्ता बाजार मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव विश्वनाथ अग्रवाल ने कहा, ‘समस्या यह है कि हमें इसे बैंकों में जमा कराना होगा। हम सितंबर तक नोट लेने से इनकार भी नहीं कर सकते।’
Also Read: रिजर्व बैंक के 2,000 का नोट वापस लेने के बाद सोने की खरीद के लिए पूछताछ बढ़ी
वैध रहेंगे नोट
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 2,000 रुपये के नोट वैध रहेंगे। बैंक के ग्राहकों को 23 मई से 30 सितंबर तक बैंक शाखाओं में नोट जमा करने या बदलने की अनुमति दी गई है। लेकिन इन नोटों का इस्तेमाल तत्काल ज्वैलर्स से लेकर थोक बाजारों, फल विक्रेताओं, मॉल और पेट्रोल पंपों में किए जा रहे हैं।
कम से कम दो आभूषण विक्रेताओं ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वे शनिवार से सोने की मांग में वृद्धि देख रहे हैं। उनमें से एक ने कहा, ‘कुछ मामलों में आभूषण विक्रेता 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर भुगतान करने पर 10 ग्राम सोने के लिए 10 प्रतिशत तक प्रीमियम वसूल रहे हैं।’
छोटे आभूषण विक्रेताओं के स्टोर पर भी अधिक महिला खरीदार मिल रही हैं जो अपने 2,000 रुपये के बचाए गए नोट का इस्तेमाल सोने या सोने के आभूषण खरीदने के लिए कर रही हैं। ‘सहेज कर रखे गए’ गुलाबी नोट हर जगह भेजे जा रहे हैं। खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों के संगठनों ने कहा कि नोट वैध मुद्रा है और इन्हें स्वीकारा जा रहा है।
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा, ‘खुदरा स्तर पर हम बिना किसी तर्क के 2,000 रुपये के नोट स्वीकार कर रहे हैं क्योंकि हमें बैंक में जमा करना है। हम ग्राहकों के साथ बहस नहीं करते हैं और न ही हम इन नोटों के जरिये भुगतान करने से इनकार कर रहे हैं।’
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘कम से कम एक सप्ताह तक व्यापार में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखने की उम्मीद है। अभी व्यापारी जनता से कम मात्रा में 2,000 रुपये के नोट ले रहे हैं। इस घोषणा से पहले ही 2,000 रुपये के नोट वैसे भी बड़ी मात्रा में चलन में नहीं थे।’
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, ‘खुदरा विक्रेता नोट ले लेंगे क्योंकि जमा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कुछ लोग हैं जो हिचकिचा रहे हैं और वे चिंतित थे लेकिन यह समस्या अगले 3 से 4 दिनों में हल हो जाएगी। चूंकि अधिकांश आधुनिक खुदरा विक्रेता नकद लेते हैं और इसे बैंकों में जमा करते हैं इसलिए यह कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर इनमें से कोई भी बैंकों में नकदी जमा नहीं करना चाहता है तब यह समस्या बन जाती है लेकिन आधुनिक खुदरा विक्रेताओं के साथ ऐसा नहीं है।’
Also Read: 2,000 रुपये के नोट को बदलने के लिए किसी फॉर्म, पहचान पत्र की जरूरत नहीं
जमीनी हालात
हालांकि सभी 2,000 रुपये के नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर 2,000 रुपये के नोट को लेकर हिचकिचाहट स्पष्ट है। तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के तिरुपोरूर में फलों की दुकान चलाने वाली तेनमोझी कहती हैं, ‘कोविड के बाद हमने 2,000 रुपये का एक भी नोट नहीं देखा था। अब अचानक यह फिर से सामने आ गया है। कई लोग नोट बदलने की मांग कर रहे हैं या केवल 2,000 रुपये के नोटों के साथ फल खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इसे नहीं ले रही हूं।’
यही हालात चेन्नई में मझोली और छोटी दुकानों में भी नजर आ रहे हैं जहां अधिकांश दुकानों ने नोट लेने से इनकार कर दिया है और इसके बजाय डिजिटल भुगतान की मांग की है।
मुंबई के बांद्रा में, दो फल और सब्जी विक्रेताओं में से एक 2,000 रुपये का नोट लेने के लिए सहमत हो गए लेकिन उनकी शर्त यह थी कि उससे समान रकम की फल और सब्जियां खरीदनी पड़ेंगी।
बेंगलूरु के स्थानीय किराना स्टोर भी ग्राहकों से 2,000 रुपये के नोट लेने को लेकर चिंतित थे। उनका कहना है कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के बारे में कोई स्पष्ट सूचना नहीं है और इसी वजह से नोट नहीं लेंगे बल्कि इसके बजाय ग्राहक ही बैंक जाएं और उन्हें बदलवाएं।
कोलकाता के एक मॉल के एक प्रीमियम रिटेलर ने कहा कि कंपनी की ओर से निर्देश दिए गए थे कि वह ग्राहकों से 2,000 रुपये के नोट न लेने की कोशिश करे।
पेट्रोल पंपों पर भी सतर्कता बरती जा रही है। दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड के राज्य स्तरीय पेट्रोल पंप संगठनों ने अपने सदस्यों से सतर्क रहने और बड़ी मात्रा में 2000 रुपये के नोट नहीं लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि सदस्य ग्राहकों को लौटाने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
Also Read: 2000 का नोट वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा: एक्सपर्ट्स
पूर्वी दिल्ली में एक पंप मालिक अवधेश सिंह ने कहा, ‘अनुमान लगाया जा रहा है कि अब से नोट बदलने की समय-सीमा तक, लोग पेट्रोल/डीजल खरीदने के लिए 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल करेंगे। हर किसी को वापस नहीं लौटाया जा सकता है, लेकिन हम किसी को भी इन नोटों का इस्तेमाल करके बड़े कैन और डिब्बे भरने से रोकेंगे।’
गुरुग्राम, हैदराबाद और अन्य शहरों में कुछ पंप मालिकों ने नोटिस लगाकर कहा है कि वे एक निश्चित सीमा से अधिक डीजल/पेट्रोल खरीद के लिए नोट स्वीकार करेंगे।
चेन्नई होटल्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी चिंतित हैं, जिसके दायरे में लगभग 2,500 होटल आते हैं। संगठन के उपाध्यक्ष राजकुमार राजन ने कहा, ‘हमें 2,000 रुपये के इन नोटों को बदलने के लिए समय चाहिए और प्रतिबंधित राशि मौजूदा 20,000 रुपये के बजाय 60,000 रुपये होनी चाहिए।
सरकार को दुकानों में खुलेआम नोटों के चलन की अनुमति देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तब छोटे और मझोले स्तर के दुकान मालिक और मध्यम वर्ग प्रभावित होंगे। बैंकों में नोटों को जमा करने की सीमा नहीं बढ़ाई जाती है तब पूंजी का प्रसार रुक जाएगा।’
ई-कॉमर्स कंपनियों का रुख
देश की विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, ऑनलाइन खुदरा विक्रेता कैश-ऑन-डिलिवरी (सीओडी) ऑर्डर के लिए ग्राहकों से 2,000 रुपये के नोट लेंगे जब तक कि ये वैध मुद्रा है। ई-कॉमर्स कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, ‘नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को रातोरात अमान्य कर दिया गया था जबकि 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध बने रहेंगे। हमें 2,000 रुपये के नोट लेने ही होंगे क्योंकि यह एक वैध मुद्रा है।’
लेकिन ब्लिंकइट और बिगबास्केट के कुछ डिलिवरी कर्मियों ने कहा कि सीओडी ऑर्डर के लिए उपभोक्ताओं से 2,000 रुपये के नोट नहीं लेने को लेकर ‘शीर्ष स्तर’ से कोई आदेश नहीं था, लेकिन वे संकोच कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने दम पर नकदी जमा करनी होगी।
(ईशिता आयान दत्त, शाइन जैकब, श्रेया नंदी, शुभायन चक्रवर्ती, निकेश सिंह, प्रतिज्ञा यादव, पीरजादा अबरार, शार्लीन डिसूजा और अनीश फडणीस)