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सेवा पीएमआई 6 माह के शीर्ष पर

Last Updated- January 04, 2023 | 11:50 PM IST
Factories

भारत की सेवा गतिविधियां दिसंबर महीने में 6 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। सेवा प्रदाता फर्मों के नए कारोबार में तेज बढ़ोतरी की वजह से उनके उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिसके कारण ऐसा हुआ है। कंपनियों से तेज मांग और बाजार की स्थिति अनुकूल रही है। क्रेडिट एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल की ओर से जारी सेवा क्षेत्र के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) दिसंबर में सुधरकर 58.5 पर पहुंच गया, जो नवंबर में 56.4 था। सर्वे में नौकरियों के सृजन और आउटपुट दोनों में ही विस्तार का पता चला है।

अगर सूचकांक 50 से ऊपर रहता है तो प्रसार और इससे नीचे सेवा गतिविधि में संकुचन दर्शाता है। अगस्त 2021 के बाद से ही लगातार सेवा क्षेत्र में प्रसार बना हुआ है।
सर्वे में कहा गया है कि नौकरियों का और ज्यादा सृजन हुआ है। सेवा प्रदाताओं ने नए कारोबार बढ़ने से अपनी क्षमता बढ़ाई है और आगे आने वाले साल में भी कंपनियों को तेजी की उम्मीद है। वित्त एवं बीमा क्षेत्र के उत्पादन में तेज बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत रियल एस्टेट और बिजनेस सेवाओं में सबसे सुस्त प्रसार हुआ है।

एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंडेक्स में पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत के सेवा प्रदाताओं ने भारत की सेवा गतिविधियों में प्रसार देखा है, जिससे 2022 के अंत में मांग में तेजी बने रहने का पता चलता है। उन्होंने कहा, ‘सकारात्मक धारणा और नए कारोबार में जारी तेजी की वजह से नौकरियों के सृजन को समर्थन मिला है। लेकिन कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां मौजूदा जरूरतों को पूरी करने के लिए पर्याप्त क्षमता है।’

एमके फाइनैंशियल सर्विसेज में लीड इकनॉमिस्ट माधवी अरोड़ा ने कहा कि अन्य उभरते बाजारों की तुलना में हाल के महीनों में भारत के सेवा क्षेत्र में वृद्धि हुई है, क्योंकि त्योहारों के कारण घरेलू मांग तेज रही है। कमोबेश भारत की अर्थव्यवस्था मंदी के डर और वैश्विक झटकों से बचने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में सकारात्मक गति जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि दिसंबर में विनिर्माण और सेवा दोनों गतिविधियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप स बेहतर रहा है। इसकी वजह से तीसरी तिमाही में तेज वृद्धि रहेगी।’

बहरहाल फर्मों ने पाया कि उनके व्यय में तेज बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि ऊर्जा, खाद्य, कर्मचारियों और परिवहन की लागत बढ़ी है और इसकी वजह से सेवाओं के शुल्क में और बढ़ोतरी होगी। सर्वे में कहा गया है, ‘सेवा कंपनियों की इनपुट लागत आगे और बढ़ेगी क्योंकि कंपनियों ने वेतन को लेकर दबाव और ऊर्जा, खाद्य और परिवहन लागत अधिक होने की बात कही है। कुल मिलाकर नवंबर से महंगाई की दर इसके दीर्घावधि औसत से ज्यादा रही है। सेक्टर के हिसाब से देखें तो उपभोक्ता सेवाओं में इनपुट लागत की महंगाई सबसे तेज थी।’डी लीमा ने कहा, ‘नवंबर से महंगाई कम हो रही है,लेकिन आउटपुट की महंगाई दर बढ़ी हुई बनी है क्योंकि कुछ कंपनियों ने बढ़ी हुई लागत ग्राहकों पर डाली है।’

सेवा क्षेत्र में विस्तार ऐसे समय में हुआ है, जब विनिर्माण पीएमआई में रिकॉर्ड तेजी है। इस सप्ताह की शुरुआत में विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े आए थे, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र बढ़कर 57.8 पर था, जो 26 माह का शीर्ष स्तर है। दिसंबर की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी दी थी कि निकट भविष्य में वैश्विक वृद्धि में तेज मंदी के कारण भारत का कारोबार और वित्तीय चैनल प्रभावित होगा। आईएमएफ ने भारत की वृद्धि वित्त वर्ष 24 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 23 में 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। बहरहाल फिच रेटिंग ने भारत की सॉवरिन रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ न्यूनतम निवेश ग्रेड में पूर्ववत रखा है और कहा है कि भारत कुछ हद तक बेअसर रहा है।

First Published - January 4, 2023 | 11:37 PM IST

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