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GST कलेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे: संजय कुमार

चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक हर महीने GST कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

Last Updated- September 20, 2023 | 11:19 PM IST
GST

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में तेजी साल के बाकी बचे महीनों में भी जारी रहेगी। अग्रवाल ने श्रीमी चौधरी से बातचीत में कहा कि कर अनुपालन में सुधार से संग्रह बढ़ा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय जीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2024 के लक्ष्य को पार कर जाएगा। संपादित अंश:

1.6 लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी संग्रह नई कसौटी बन गया है। क्या आपको लगता है कि वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों में भी इसी रफ्तार से कर मिलता रहेगा या इसमें और तेजी आने की उम्मीद है?

चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक हर महीने जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। अप्रैल में रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये कर मिला था। इससे संकेत मिलता है कि राजस्व संग्रह पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। हमें उम्मीद है कि त्योहारी मौसम के दौरान मांग बढ़ने से जीएसटी राजस्व में और इजाफा होगा।

अभी लक्ष्य का आधा जीएसटी आया है। क्या पूरा लक्ष्य हासिल हो जाएगा?

कर संग्रह में वृद्धि और त्योहारी सीजन को देखते हुए मुझे लगता है कि जीएसटी राजस्व के मामले में हम अनुमानित लक्ष्य हासिल कर लेंगे। अगले साल जनवरी के आसपास संशो​धित अनुमान तैयार किया जाएगा और हमें भरोसा है कि हम संशो​धित लक्ष्य को भी पूरा कर लेंगे।

पहले चार महीनों में उत्पाद शुल्क संग्रह 10.4 फीसदी घटा है। क्या इसका संग्रह सालाना लक्ष्य के मुताबिक है?

केंद्रीय उत्पाद शुल्क 5 पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाया जाता है, लेकिन ज्यादातर कर ईंधन उत्पाद से मिलते हैं। पेट्रोल, डीजल पर मई 2022 में शुल्क घटाया गया था, जिसकी वजह से शुल्क में कमी आई है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले साल की तुलना में कम रहा था। लेकिन अब यह अंतर कम हो रहा है। अप्रैल से अगस्त के दौरान इस मद में 1.25 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

पेट्रोल और डीजल के दाम पर करों में कटौती पर आप क्या कहेंगे?

तेल कंपनियां तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद पेट्रोल एवं डीजल के दाम तय करती हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कटौती होगी या नहीं क्योंकि तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार दाम घटाती हैं और इसी हिसाब से शुल्क संग्रह का निर्धारण होता है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुस्ती के कारण सीमा शुल्क पर कोई असर होगा?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार में सुस्ती आई है और इसका असर भारत पर भी हुआ है। पिछले साल की तुलना में आयात कम है और लगभग यही हालत दुनिया के दूसरे देशों में भी है। अप्रैल और अगस्त के बीच सीमा शुल्क संग्रह 90,900 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इन्हीं महीनों से 5.3 प्रतिशत अधिक रहा। इस हिसाब से थोड़ी सहज स्थिति जरूर लगती है।

चालू वित्त वर्ष में जीएसटी ऑडिट पर कैसी प्रतिक्रिया रही है?

जीएसटी ऑडिट पिछले साल शुरू हुआ था और अब यह प्रक्रिया पूरी रफ्तार पकड़ चुकी है। पहले करदाता जीएसटी ऑडिट से जुड़ी जानकारियां देने से कतरा रहे थे मगर अब वे इसे लेकर पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं।

First Published - September 20, 2023 | 11:15 PM IST

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