भारतीय रिजर्व बैंक की तीन साल की डॉलर/रुपया खरीद बिक्री-स्वैप में मंगलवार को मजूबत मांग नजर आई। इसकी निविदाएं की मांग दो गुनी बढ़कर 5 अरब डॉलर की राशि पर पहुंच गई। केंद्रीय बैंक को इस नीलामी में 10.35 अरब डॉलर मूल्य की 222 निविदाएं हासिल हुई थीं और इसमें से 118 निविदाएं स्वीकार की गईं। इसका कट ऑफ प्रीमियम 7.65 रुपये तय किया गया था। बैंकरों के मुताबिक प्रणाली में पर्याप्त डॉलर तरलता के कारण मांग मजबूत थी।
निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने बताया, ‘बाजार के अनुमानों से बेहतर रुझान था। बोली का प्रस्ताव 2 : 1 था। यह लगभग दोगुनी राशि की बोली थी। अभी चिंता की बात यह है कि रुपया 91 के स्तर को पार कर रहा है। हम नहीं चाहते हैं कि रुपये में और गिरावट आए। हालांकि मेरा विचार है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में रुपये में गिरावट जारी रहेगी।’
स्वैप का पहला चरण गुरुवार को पूरा होगा, जब भारतीय रिजर्व बैंक बैंकिंग प्रणाली में रुपये डालेगा। यह लेनदेन तीन साल बाद वापस होगा। केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति की हालिया समीक्षा में व्यापक नकदी इंतजामों के तहत स्वैप नीलामी की घोषणा की थी। इसमें 1 लाख करोड़ रुपये के ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (ओएमओ) भी शामिल थे। यह दो खंडों में की जाएगी। इस क्रम में 50,000 करोड़ रुपये का पहला चरण 11 दिसंबर को आयोजित हुआ था। ओएमओ की दूसरा नीलामी 18 दिसंबर को होनी है।