आने वाले महीनों में भारतीय रिफाइनर रूस से तेल का आयात बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। रूस से मिलने वाले तेल पर अब बड़ी छूट मिल रही है, जिससे यह भारतीय कंपनियों के लिए और आकर्षक हो गया है। नवंबर में यूरल्स क्रूड की कीमत डेटेड ब्रेंट की तुलना में 2 से 2.5 डॉलर प्रति बैरल सस्ती है। जुलाई-अगस्त में यह छूट केवल 1 डॉलर थी, क्योंकि उस समय रूस ने घरेलू ग्राहकों को प्राथमिकता दी थी।
शिप ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, अक्टूबर में रूस से तेल का आयात लगभग 1.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन होने का अनुमान है। यह पिछले महीने की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत ज्यादा है, लेकिन पिछले साल के स्तर से थोड़ा कम है।
अमेरिका ने अगस्त में भारत से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया था ताकि भारत रूस से तेल की खरीद कम करे। इसके बावजूद भारत ने कहा है कि ये सौदे केवल कीमत पर आधारित हैं और जारी रहेंगे। भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह अमेरिका से ऊर्जा खरीदने में रुचि रखता है।
इस बीच, भारत के सरकारी रिफाइनर अब पश्चिम एशिया और अफ्रीका की तेल कंपनियों से 2026 के लिए लंबे समय के सौदे (टर्म डील) पर बातचीत कर रहे हैं। वे ऐसे सप्लायर से ज्यादा तेल खरीदना चाहते हैं, जो जरूरत पड़ने पर मात्रा बदलने या रूस से तेल आने पर उसे बेचने की सुविधा दे सके। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)