साल 2024 में रुपया 85.61 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार के बाद रुपये में आज 0.09 फीसदी की गिरावट आई। यह लगातार 7वां वर्ष है जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ। रूस-यूक्रेन में युद्ध के बाद 2022 में डॉलर के मुकाबले रुपये में 10 फीसदी से अधिक गिरावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने हस्तक्षेप के जरिये उसे एक सीमित दायरे में रखा।
इससे 2023 में महज 0.6 फीसदी का मूल्यह्रास हुआ। इस साल सितंबर के मध्य तक रुपया सबसे स्थिर मुद्राओं में शामिल था। मगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती और उसके बाद डॉनल्ड ट्रंप की जीत से रुपये पर दबाव बढ़ गया। यही कारण है कि अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में रुपया 1.8 फीसदी लुढ़क गया।
पिछले तीन महीनों के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 60 अरब डॉलर की गिरावट आई है। विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण मुद्रा भंडार को झटका लगा। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 705 अरब डॉलर तक पहुंच गया था जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 20 दिसंबर 2024 तक 644.4 अरब डॉलर था जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा भंडार है।