विदेशी फंडों के बॉन्ड और इक्विटी से बाहर निकलने और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण गुरुवार को रुपया 90.37 प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। डीलरों ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया 90.49 के नए एकदिवसीय निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन कारोबार बंद होने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री के माध्यम से विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने के बाद नुकसान की कुछ भरपाई हुई।
पिछले हफ्ते 3 दिसंबर को रुपया 90.20 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था, जो सर्वकालिक निचला स्तर था। आज रुपया 0.45 प्रतिशत गिरा। इस साल एशिया की मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जिसमें डॉलर के मुकाबले 5.26 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘कुछ निकासी थी और घाटे रोकने की कवायद शुरू हो गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘करीब दोपहर में एक सरकारी अधिकारी की ओर से कुछ टिप्पणी आई कि मार्च के अंत तक व्यापार समझौता हो जाएगा, जिससे गिरावट बढ़ी। बाजार को उम्मीद थी कि व्यापार समझौता दिसंबर तक अंतिम रूप ले लेगा।’
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका ने व्यापार समझौते पर ‘अपने अधिकांश लंबित मतभेदों’ को दूर कर लिया है, और मार्च 2026 तक एक औपचारिक समझौता हो सकता है। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी हेड अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘व्यापार समझौता मार्च-2025 तक होने के सीईए के बयान से बाजार में अनिश्चितता और बढ़ गई है। इसके अलावा मैक्सिको ने भारत सहित एशिया से आने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिया है।’
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि 90.25 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर गिरावट रोकने की कवायद शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा हस्तक्षेप मामूली था, जो पिछले कुछ हफ्तों से चलन में है। केंद्रीय बैंक ने संभवतः वायदा में अपनी शुद्ध शॉर्ट पोजीशन को कम कर दिया है, जो सितंबर और अक्टूबर में बढ़ गई थी। इसकी वजह से विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता बढ़ गई।
एक निजी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘अगर निकासी जारी रहती है तो रुपया निकट भविष्य में 91 प्रति डॉलर की ओर कारोबार कर सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगला स्तर 90.65 प्रति डॉलर देखा जा रहा है, अगर हम इसे तोड़ते हैं, तो हम जल्द ही 91 प्रति डॉलर को छू सकते हैं।’
इस बीच रिजर्व बैंक ने ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) खरीद नीलामी में चल रहे बाजार भाव से 2 से 3 आधार अंक नीचे यील्ड पर सरकारी बॉन्ड स्वीकार किए, जिससे सभी अवधियों में यील्ड को कम करने में मदद मिली। रिजर्व बैंक को ओएमओ खरीद नीलामी में 50,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के मुकाबले 1.1 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड पिछले 6.63 प्रतिशत के मुकाबले 6.58 प्रतिशत पर बंद हुई।
एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘ओएमओ नीलामी सफल रही। रिजर्व बैंक ने बाजार के स्तर से 2 से 3 आधार अंक कम पर बॉन्ड स्वीकार किए, इसलिए हमने परिणामों के बाद तेजी देखी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगला संकेत कल (शुक्रवार) की नीलामी और सीपीआई आंकड़ों से मिलेगा।’ रिजर्व बैंक कल साप्ताहिक नीलामी में 28,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की बिक्री करेगा।
केंद्रीय बैंक ने ओपन मार्केट ऑपरेशंस और फॉरेक्स खरीद-बिक्री स्वैप के माध्यम से नकदी के उपायों की भी घोषणा की थी। ओएमओ में 50,000 करोड़ रुपये की दो किस्तों में 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की भारत सरकार की प्रतिभूतियों की खरीद शामिल होगी। दूसरी नीलामी 18 दिसंबर को निर्धारित है। इसके अतिरिक्त 16 दिसंबर को तीन साल के लिए 5 अरब डॉलर के डॉलर/रुपये खरीद-बिक्री स्वैप का आयोजन भी होना है।