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रिजर्व बैंक के गवर्नर ने की वित्त मंत्री से भेंट, कार्यकाल समाप्ति से पहले चर्चा

सूत्रों ने बताया कि यह मुलाकात करीब 20 मिनट चली और यह मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद पारंपरिक बैठक थी।

Last Updated- December 08, 2024 | 10:37 PM IST
Reserve Bank Governor met the Finance Minister, discussed before the end of his tenure रिजर्व बैंक के गवर्नर ने की वित्त मंत्री से भेंट, कार्यकाल समाप्ति से पहले चर्चा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार शाम को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। यह मुलाकात मौद्रिक नीति समिति की बैठक के अगले दिन और दास के कार्यकाल की समाप्ति के कुछ दिनों पहले हुई।

यह बैठक वित्त मंत्री के नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में हुई। सूत्रों ने बताया कि यह मुलाकात करीब 20 मिनट चली और यह मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद पारंपरिक बैठक थी। दास का तीन साल का विस्तारित कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।

रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने शुक्रवार को रीपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था – इसमें लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं हुआ और ‘तटस्थ’ रुख कायम रखा गया। इसमें 2024-25 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्ववर्ती अनुमान 7.2 फीसदी को घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया गया।

जुलाई-अगस्त तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 5.4 फीसदी तक पहुंचने और अक्टूबर में खुदरा महंगाई केंद्रीय बैंक के दायरे (2 से 6 फीसदी) से अधिक 14 माह के उच्चतम स्तर 6.2 फीसदी पहुंचने की पृष्ठभूमि में दिसंबर की नीतिगत समीक्षा आई थी।

इस संदर्भ में दास ने कहा था कि भारत की अल्पावधि की महंगाई और वृद्धि का अक्टूबर की नीति पर प्रतिकूल असर पड़ा था। दास ने कहा था- ‘मौद्रिक नीति समिति महंगाई और वृद्धि में संतुलन कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हाल के दौर में अस्थिर हो गया है।’ उच्च ब्याज दर के कारण सरकार में अंदरुनी बेचैनी नजर आ रही है। दरअसल इसकी वजह से आर्थिक वृद्धि विशेष तौर पर शहरी मांग में मंदी आई है।

सीतारमण ने हाल ही में बैंकों से ब्याज दरों को अधिक किफायती बनाने की सलाह दी थी। इस क्रम में सीतारमण ने तर्क दिया था कि वर्तमान समय में उधारी की लागत ‘बेहद दबावपूर्ण’ है। उनकी यह टिप्पणी वा​णिज्य मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी के संदर्भ में आई थी। गोयल ने कहा था कि उच्च खाद्य महंगाई को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती कर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए।

सरकार ने साल 2021 में दास का कार्यकाल समाप्त होने से एक महीने पहले उन्हें तीन साल का विस्तार करने का फैसला किया था। इस तरह रिजर्व बैंक के 90 साल के इतिहास में दास अपना कार्यकाल समाप्त होने पर सबसे लंबे समय अवधि तक रहने वाले गवर्नर हो जाएंगे।

First Published - December 8, 2024 | 10:37 PM IST

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