उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर नवंबर 2021 के बाद पहली बार अप्रैल में गिरकर 5 प्रतिशत से नीचे आई, जिससे केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति के फैसले और उसके रुख की पुष्टि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर में अनुमान से तेज गिरावट आई है।
मौद्रिक नीति की अप्रैल की समीक्षा में 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया था, साथ ही समावेशी रुख की वापसी का फैसला बरकरार रखा था।
डिप्टी गवर्नर एमडी पात्र सहित रिजर्व बैंक के स्टाफ द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अप्रैल 2023 में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर से संकेत मिलता है कि अनुमान की तुलना में तेज गिरावट आई है। गेहूं की कीमत में गिरावट, लगातार पांचवें महीने तेल और वसा की कीमत में गिरावट और लगातार तीसरे महीने अंडों के दाम में गिरावट के कारण ऐसा हुआ है।’
अप्रैल महीने में प्रमुख महंगाई दर तेजी से गिरकर 4.7 प्रतिशत रह गई है, जो मार्च में 5.7 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अप्रैल 2023 में प्रमुख महंगाई दर घटकर 5 प्रतिशत से नीचे आना सबसे उत्साहजनक प्रगति है। नवंबर 2021 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। इससे मौद्रिक नीति के फैसला और रुख सही साबित हुआ है। यह स्वागत योग्य राहत है।’
वृद्धि पर टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि की दर निजी खपत और ग्रामीण मांग से संचालित होगी।
इसमें कहा गया है, ‘2023-24 की पहली तिमाही में निजी खपत से वृद्धि संचालित होने की संभावना है और इसे ग्रामीण मांग बहाल होने से समर्थन मिलेगा। साथ ही इनपुट लागत का दबाव कम होने से विनिर्माण क्षेत्र बहाल होगा।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग बहाल हो रही है, क्योंकि खरीफ विपणन सत्र 2022-23 और रबी विपणन सत्र 2023-24 दोनों में उत्साहजनक प्रगति है। साथ ही सेवा क्षेत्र, खासकर ठेके पर आधारित क्षेत्र में तेजी आई है और महंगाई दर भी कम हो रही है।
इसमें कहा गया है कि निवेश गतिविधियों में भी सुधार की उम्मीद है, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र के पूंजीगत व्यय से मजबूती मिल रही है और जिंसों की कीमत में भी कमी आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल और मई के पहले पखवाड़े में घरेलू आर्थिक स्थिति यथावत है और इसे 2022-23 की अंतिम तिमाही में बनी गति का सहारा मिल रहा है।