भारतीय एनजीओ क्लाइमेट ट्रेंड और ब्रिटेन के ग्रीन टेक स्टार्टअप राइडिंग सनबीम के अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय रेलवे लाइनों को सौर ऊर्जा की सीधी आपूर्ति से सालाना करीब 70 लाख टन कार्बन की बचत होगी, साथ ही राष्ट्रीय नेटवर्क में चार में से कम से कम एक ट्रेन को प्रतिस्पर्धी बिजली मिल सके गी।
रेलवे ने 51,000 हेक्टेयर अनुत्पादक जमीन सौर बिजली उत्पादन के लिए चिह्नित की है, जो 2030 तक शून्य उत्सर्जन की दिशा में एक कदम है। 20 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन पर काम पहले से चल रहा है, जिससे ट्रेन चलाने के लिए ऊर्जा की बढ़ती मांग की जरूरतों को पूरा किया जा सके। अध्ययन के मुताबिक इस नई सौर क्षमता का करीब एक चौथाई यानी 5,272 एमडब्ल्यू को रेलवे की लाइनों में सीधा भेजा जा सकेगा और बिजली नेटवर्क या ग्रिड से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
