facebookmetapixel
PEG रेशियो ने खोला राज – SMID शेयर क्यों हैं निवेशकों की नई पसंद?Stock Market Today: एशियाई बाजारों से मिलेजुले संकेत, गिफ्ट निफ्टी में तेजी; सोमवार को चढ़ेगा या गिरेगा बाजार ?Bihar CM Oath Ceremony: NDA की शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को, पीएम मोदी समेत कई नेता होंगे मौजूदStocks To Watch Today: Websol, TruAlt Bioenergy, IRB Infra सहित कई कंपनियां रहेंगी लाइमलाइट मेंबिहार चुनाव पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर का बड़ा आरोप: राजग के तीन ‘प्रयोगों’ ने पूरी तस्वीर पलट दीदोहा में जयशंकर की कतर नेतृत्व से अहम बातचीत, ऊर्जा-व्यापार सहयोग पर बड़ा फोकसझारखंड के 25 साल: अधूरे रहे विकास के सपने, आर्थिक क्षमताएं अब भी नहीं चमकींपूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को भाने लगी ‘काला नमक’ चावल की खेती, रिकॉर्ड 80 हजार हेक्टेयर में हुई बोआईभूख से ब्रांड तक का सफर: मुंबई का वड़ा पाव बना करोड़ों का कारोबार, देशभर में छा रहा यह देसी स्ट्रीट फूडDPDP नियमों से कंपनियों की लागत बढ़ने के आसार, डेटा मैपिंग और सहमति प्रणाली पर बड़ा खर्च

सीधे हरित ऊर्जा से रेलवे को मिलेगी ज्यादा मदद

Last Updated- December 12, 2022 | 1:25 AM IST

भारतीय एनजीओ क्लाइमेट ट्रेंड और ब्रिटेन के ग्रीन टेक स्टार्टअप राइडिंग सनबीम के अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय रेलवे लाइनों को सौर ऊर्जा की सीधी आपूर्ति से सालाना करीब 70 लाख टन कार्बन की बचत होगी, साथ ही राष्ट्रीय नेटवर्क में चार में से कम से कम एक ट्रेन को प्रतिस्पर्धी बिजली मिल सके गी।
रेलवे ने 51,000 हेक्टेयर अनुत्पादक जमीन सौर बिजली उत्पादन के लिए चिह्नित की है, जो 2030 तक शून्य उत्सर्जन की दिशा में एक कदम है। 20 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन पर काम पहले से चल रहा है, जिससे ट्रेन चलाने के लिए ऊर्जा की बढ़ती मांग की जरूरतों को पूरा किया जा सके। अध्ययन के मुताबिक इस नई सौर क्षमता का करीब एक चौथाई यानी 5,272 एमडब्ल्यू को रेलवे की लाइनों में सीधा भेजा जा सकेगा और बिजली नेटवर्क या ग्रिड से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

First Published - September 1, 2021 | 8:54 PM IST

संबंधित पोस्ट