facebookmetapixel
सोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासनदूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

GST 2.0 से टैक्स रेट घटने की उम्मीद, लॉन्ग टर्म में रेवेन्यू को मिलेगा बूस्ट: S&P Global

केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत टैक्स ‘स्लैब’ को घटाकर केवल दो टैक्स ‘स्लैब’ 5% और 18% कर दिया जाएगा।

Last Updated- August 19, 2025 | 7:17 PM IST
GST

क्रेडिट रेटिंग तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) के डायरेक्टर यीफार्न फुआ (YeeFarn Phua) ने कहा कि प्रस्तावित दो ‘स्लैब’ वाली जीएसटी सिस्टम से प्रभावी टैक्स दरो में कमी आ सकती है और लॉन्ग टर्म में यह सरकार के रेवेन्यू को बढ़ा सकती है। फुआ की यह टिप्पणी केंद्र और राज्यों की बुधवार व गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले आई है। इसमें केंद्र द्वारा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।

Also Read: रियल एस्टेट से लेकर फार्मा तक: Quant Small Cap Fund ने कहां लगाए नए दांव?

GST 2.0 में रहेंगे केवल 2 टैक्स स्लैब

केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत टैक्स ‘स्लैब’ को घटाकर केवल दो टैक्स ‘स्लैब’ 5% और 18% कर दिया जाएगा। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की स्पेशल टैक्स रेट लागू की जाएगी। जीएसटी के तहत फिलहाल चार स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% हैं।

जीएसटी दरों में बदलाव से रेवेन्यू पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर फुआ ने कहा कि मौजूदा जीएसटी व्यवस्था जटिल है। इसमें चार अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं, जिससे लेखा-जोखा एवं क्रियान्वयन कभी-कभी काफी कठिन हो जाता है।

Also Read: S&P ने कहा: रिलायंस की बढ़ सकती है क्रेडिट रेटिंग, बशर्ते कंपनी कर्ज घटाए और नॉन-एनर्जी बिजनेस पर फोकस करे

रेवेन्यू पर नहीं पड़ेगा कोई असर- S&P

रेटिंग एजेंसी के निदेशक फुआ ने कहा कि इस प्रस्ताव पर केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सिस्टम में सुधारों से रेवेन्यू पर प्रभाव पड़ने के आसार नहीं है। केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान 12% ‘स्लैब’ में शामिल 99% वस्तुओं को अब 5% के स्लैब में लाया जाएगा, जबकि 28% ‘स्लैब’ में शामिल 90% वस्तुओं को 18% कर के दायरे में रखा जाएगा। इन बदलावों से वर्गीकरण संबंधी विवाद, मुकदमेबाजी तथा कर चोरी की गुंजाइश कम होगी।

First Published - August 19, 2025 | 6:33 PM IST

संबंधित पोस्ट