विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को नई दिल्ली में अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को लेकर तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका ने हाल ही में भारतीय निर्यात पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। गोर के साथ अमेरिकी डिप्टी सेक्रेटरी माइकल जे रिगास भी थे, जो उनके छह दिन के भारत दौरे पर आए हैं। यह दौरा गोर की सीनेट से राजदूत के तौर पर पुष्टि के कुछ ही दिन बाद शुरू हुआ।
जयशंकर ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर से नई दिल्ली में मिलकर खुशी हुई। भारत-अमेरिका रिश्तों और इसके वैश्विक महत्व पर बात हुई। उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।” उसी दिन विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी गोर से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी और साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मिस्री ने गोर को उनकी नई भूमिका के लिए बधाई दी।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते हाल के दिनों में ट्रेड को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारतीय निर्यात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेवजह” बताया है। फिर भी, हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत ने ट्रेड वार्ता को लेकर उम्मीद जगाई है।
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गोर का यह पहला आधिकारिक भारत दौरा है। इससे पहले वह 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जयशंकर से मिले थे। उस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने तब कहा था कि दोनों देश भारत-अमेरिका रिश्तों को और सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गोर ने 12 सितंबर को अपनी सीनेट सुनवाई में भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया था। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की गहरी दोस्ती दोनों देशों के बढ़ते रिश्तों की नींव है।” गोर ने भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य ताकत को क्षेत्रीय स्थिरता का आधार बताया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो वह भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और गहरा करने पर ध्यान देंगे।
गोर का भारत दौरा 9 से 14 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान वह वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मिलकर कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बात करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस दौरे का मकसद भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाना है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने साफ किया कि गोर इस दौरे में राजदूत के तौर पर अपनी साख पत्र (क्रेडेंशियल्स) पेश नहीं करेंगे।
गोर ट्रंप के करीबी सहयोगी रहे हैं और व्हाइट हाउस में पर्सनल डायरेक्टर रह चुके हैं। अगस्त में ट्रंप ने उन्हें भारत में अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया मामलों के विशेष दूत के तौर पर नामित किया था। गोर ने अपनी नामांकन पर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप का मुझ पर इतना भरोसा जताने के लिए मैं बेहद आभारी हूं।”
यह दौरा और मुलाकातें भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए एक अहम कदम हैं, खासकर तब जब दोनों देश ट्रेड टेंशन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।