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दीवाली के त्योहारी सीजन में ऑनलाइन खरीदारी ने पकड़ी रफ्तार, पर साइबर फ्रॉड और फर्जीवाड़ा भी बढ़ा

त्योहारी सीजन में प्रत्येक तीन में से एक खरीदार साइबर धोखाधड़ी का हुआ शिकार, 37 फीसदी ने गंवाई रकम 

Last Updated- October 10, 2025 | 10:25 PM IST
diwali shopping
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

जैसे-जैसे भारत में दीवाली नजदीक आ रही है साइबर अपराधी भी त्योहारी उत्साह का फायदा उठा रहे हैं और ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा फर्म मैकैफी के हालिया शोध से इसका खुलासा हुआ है। अध्ययन से पता चला है कि करीब हर तीन में एक भारतीय उपभोक्ता छुट्टियों से जुड़ी धोखाधड़ी का शिकार हुआ है और इनमें से 37 फीसदी लोगों ने आर्थिक हानि होने की जानकारी दी है।

साइबर अपराधी ऑनलाइन खर्च में हुई इस वृद्धि को भुनाने के लिए खास हथकंडे अपना रहे हैं। इनमें डीपफेक के जरिये हस्तियों के विज्ञापन, फर्जी मेसेज, फर्जी ईमेल और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जैसी धोखाधड़ी शामिल हैं।

मैकैफी में वरिष्ठ निदेशक (इंजीनियरिंग) प्रतिम मुखर्जी ने कहा, ‘त्योहारों का मौसम खुशियों के आदान-प्रदान करने का वक्त होता है मगर अब धोखेबाज भी इसी दौरान लोगों को अपना शिकार बनाना चाहते हैं। बदलती प्रौद्योगिकी के साथ खतरे भी लगातार बढ़ रहे हैं और एआई आधारित फर्जीवाड़े ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों के लिए नया जोखिम पैदा कर रहे हैं।’

भारत में लोग त्योहारी से जुड़ी ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं और बेहतर छूट (64 फीसदी), सुविधा (60 फीसदी), सामान की अधिक किस्म (52 फीसदी) और तेज डिलिवरी (51 फीसदी) के कारण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये अब त्योहारों में खरीदारी करना लोगों का पसंदीदा तरीका बन गया है। इन बदलावों से मोबाइल से जुड़ी खरीदारी पर बढ़ती निर्भरता का भी पता चलता है, जहां 77 फीसदी लोग अब अपने स्मार्टफोन के जरिये ही खरीदारी करते हैं। 25 से 44 वर्ष की आयु वाले युवा उपभोक्ता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के सबसे बड़े उपयोगकर्ता बने हैं, जिससे भारत में डिजिटल खरीदारी में तेजी आई है।

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डिजिटल की इस रफ्तार के साथ-साथ खरीदारों को एक जाने-पहचाने जोखिम का भी सामना करना पड़ रहा है। फर्जीवाड़ा करने वाले छुट्टियों की मांग का भी फायदा उठाना चाहते हैं। वास्तव में 96 फीसदी भारतीय ग्राहक ऑनलाइन फर्जीवाड़े पर गहरी चिंता जताते हैं और यह अच्छी बात भी है। करीब 72 फीसदी लोग एक साल पहले के मुकाबले इस साल एआई आधारित फर्जीवाड़े पर अधिक चिंतित हैं। करीब 91 फीसदी ग्राहकों ने बताया कि उन्हें खरीदारी से जुड़े संदिग्ध मेसेज मिले हैं, इनमें फर्जी गिफ्ट कार्ड (49 फीसदी), सीमित समय तक छूट (40 फीसदी) और रिफंड से जुड़ी जानकारियां (27 फीसदी) शामिल हैं। 

औसतन, एक भारतीय को रोजाना 12 बार धोखाधड़ी के प्रयास का सामना करना पड़ता है, जिनमें टेक्स्ट मैसेज, फर्जी ईमेल, धोखाधड़ी वाले सोशल मीडिया विज्ञापन शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ी चिंता डीपफेक के जरिये तैयार किए गए सेलेब्रिटी विज्ञापन, नकली ई-कॉमर्स वेबसाइट को लेकर है, जिनकी वजह से असली और नकली में अंतर करना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है।

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इन फर्जीवाड़े का असर आर्थिक हानि से कहीं आगे तक जाता है। फर्जीवाड़े का शिकार हुए लोगों में से 91 फीसदी ने क्रोध, चिंता या शर्मिंदगी की भावनाओं की बात कही, जबकि 28 फीसदी लोग शर्म के कारण अपने अनुभव सार्वजनिक रूप से शायद ही कभी साझा करते हैं। ये भावनात्मक घाव साइबर अपराध के नुकसान और उपभोक्ताओं में व्यापक जागरूकता व सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हैं।

First Published - October 10, 2025 | 10:19 PM IST

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