भारत के 245 अरब डॉलर के टेक्नोलॉजी और कस्टमर एक्सपीरियंस (CX) सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से बदलाव ला रहा है। नीति आयोग की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अगर जल्दी कदम नहीं उठाए गए तो क्वालिटी एश्योरेंस इंजीनियर और सपोर्ट एजेंट जैसी सामान्य नौकरियां 2031 तक खत्म हो सकती हैं। लेकिन अच्छी खबर ये है कि अगले पांच साल में AI की वजह से 40 लाख नई नौकरियां भी बन सकती हैं।
रिपोर्ट का नाम है ‘रोडमैप फॉर जॉब क्रिएशन इन द AI इकोनॉमी’। इसमें कहा गया है कि अगर भारत सही दिशा में काम करे तो वह AI से जुड़ी नौकरियों का ग्लोबल हब बन सकता है। इसमें एथिकल AI स्पेशलिस्ट, AI ट्रेनर, सेंटिमेंट एनालिस्ट और AI डेवऑप्स इंजीनियर जैसी नई भूमिकाएं शामिल हैं। इसके लिए स्किलिंग और री-स्किलिंग पर जोर देना होगा।
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नीति आयोग ने भारत को AI वर्कफोर्स का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए नेशनल AI टैलेंट मिशन शुरू करने का सुझाव दिया है। यह मिशन तीन मुख्य बिंदुओं पर काम करेगा। पहला, स्कूलों, कॉलेजों और वोकेशनल प्रोग्राम्स में AI लिटरेसी को बुनियादी स्किल बनाना। दूसरा, लाखों टेक्नोलॉजी और CX प्रोफेशनल्स को AI से जुड़ी हाई-वैल्यू नौकरियों के लिए तैयार करना। तीसरा, भारत को ग्लोबल AI टैलेंट हब बनाना, जहां देशी और विदेशी टैलेंट को आकर्षित किया जाए।
रिपोर्ट में मौजूदा इंडिया AI मिशन के साथ मिलकर काम करने की बात भी कही गई है। इसके लिए सरकार, उद्योग और एकेडमिक संस्थानों को साथ मिलकर काम करना होगा। इससे कम्प्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेटा की उपलब्धता बढ़ेगी, जो भविष्य के इनोवेटर्स और रिसर्चर्स को तैयार करने में मदद करेगा।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत की ताकत इसके लोगों में है। उनके मुताबिक, भारत में 90 लाख से ज्यादा टेक्नोलॉजी और CX प्रोफेशनल्स हैं। साथ ही, दुनिया का सबसे बड़ा युवा डिजिटल टैलेंट पूल भी यहीं है। लेकिन अब जरूरत है तेजी, विजन और आपसी तालमेल की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर भारत सही समय पर सही कदम उठाए तो वह न सिर्फ अपनी वर्कफोर्स को बचा सकता है, बल्कि ग्लोबल AI के क्षेत्र में लीडर भी बन सकता है।
(PTI के इनपुट के साथ)