वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से कहा है कि वह पीएम विश्वकर्मा योजना के सुचारु व सफल क्रियान्वयन के लिए तैयार रहें, जो 17 सितंबर को शुरू होने वाली है।
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक का मकसद पीएम स्वनिधि के तहत प्रगति और आगामी पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर बैंकों की तैयारियों की समीक्षा करना था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत 5 साल के लिए 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे परंपरागत शिल्पकारों के 30 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा, जिसमें बुनकर, सोनार, लोहार, धोबी और हजाम आदि शामिल हैं।
सरकार 5 प्रतिशत ब्याज पर पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक ऋण मुहैया कराएगी। पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी पटरी वालों को कर्ज की मंजूरी और वितरण को लेकर बैंकों की प्रगति का आकलन किया गया।
एक वरिष्ठ बैंकिंग अधिकारी ने कहा कि पीएमओ और डीएफएस बैंकों के साथ बैठक कर पीएम स्वनिधि योजना को लागू करने व इसका कवरेज बढ़ाने के मसले पर बात कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों का कोई स्थायी ठिकाना नहीं होता और बैंकों को उन्हें खोजने में दिक्कत आती है।
वित्त मंत्रालय ने एक एक्स में कहा है कि बैंकों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदनों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करें और इस योजना के तहत जारी किए जाने वाले कर्ज की गहन निगरानी करें।