भारत से निर्यात में लगातार सुधार हो रहा था मगर स्वेज नहर में जाम लगने की वजह से मार्च और अप्रैल के आरंभ में निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता है। उसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले भी निर्यातकों के लिए चिंता का सबब बन गए हैं।
स्वेज नहर निर्यात के लिहाज से प्रमुख मार्ग है मगर 23 मार्च से ही वहां कार्गो जहाज फंसने से आवाजाही रुक गई है, जिसका असर वैश्विक व्यापार पर पड़ रहा है। हालांकि निर्यातकों को उम्मीद है कि फंसा हुआ कंटेनर जहाज सोमवार तक फिर तैरना शुरू कर देगा मगर हालात सामान्य होने में एक पखवाड़ा लग सकता है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अजय सहाय ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘निर्यातकों को इस बात की चिंता है कि 15 दिन की देर हो गई तो अप्रैल में देश से बाहर जाने वाले कई कंटेनर अटक जाएंगे। समस्या यह है कि निर्यातक कंटेनर मार्च में ही निकालने की कोशिश करें या अप्रैल तक इंतजार करें। मार्च के निर्यात आंकड़े बिगड़ सकते हैं क्योंकि मार्च में जाने वाला काफी माल अप्रैल में जाएगा।’
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक भारत और उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका तथा यूरोप के बीच आयात-निर्यात के लिए स्वेज नहर का इस्तेमाल किया जाता है। इस रास्ते से इन देशों के बीच करीब 200 अरब डॉलर सालाना का कारोबार होता है। इसमें पेट्रोलियम उत्पाद, कार्बनिक रसायन, लोहा और स्टील, वाहन, मशीनरी, कपड़ा और कालीन, फर्नीचर, चमड़े का सामान, हस्तशिल्प एवं अन्य सामग्री शामिल है।
अगर सोमवार तक रुकावट दूर नहीं होती है तो स्वेज नहर के बजाय केप ऑफ गुड होप के रास्ते माल भेजना पड़ेगा। मगर उस रास्ते से माल 15-20 दिन देर से पहुंचेगा या आएगा और उसके कारण लागत में इजाफा हो जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 200 से अधिक जहाज स्वेज नहर के उत्तरी और दक्षिणी छोरों पर इंतजार कर रहे हैं और करीब 60 जहाज रोजाना कतार में जुड़ रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसने इस संकट से निपटने की योजना बनाई है। सहाय के मुताबिक कोविड-19 के बढ़ते मामले भी चिंता पैदा कर रहे हैं क्योंकि उनकी वजह से अनिश्चितता हो गई है, जिसका असर आने वाले समय में निर्यात पर भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘विनिर्माण में गिरावट शायद नहीं आएगी मगर यह चिंता की बात तो है। सवाल यह है कि कोविड की दूसरी लहर कब तक रहेगी।’
फंसे जहाज को निकालने की कवायद
मिस्र की स्वेज नहर में पांच दिनों से फंसे विशालकाय जहाज को हटाने के काम में दो विशेष नौकाएं लगाई गईं हैं। पनामा के ध्वज वाला करीब 400 मीटर लंबा एवर गिवन नामक जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था। अधिकारी जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की कोशिश में जुटे हैं। जहाज के नीचे से गाद निकालने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। ऊंची लहर आने पर जहाज को हटाने की भी योजना बनाई गई है। जहाज पर 18,300 कंटेनर लदे हैं, जिसे उतारने की संभावना भी तलाशी जा रही है। इस मार्ग पर करीब 369 मालवाहक जहाज भी जाम में फंस गए हैं। स्वेज नहर प्राधिकरण जमा में फंसे जहाजों को कुछ छूट देने पर भी विचार कर रहा है। प्राधिकरण ने कहा कि इसकी वजह से उसे रोजाना 1.3 से 1.4 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है।
