G20 में बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत बनाने (MDB) के स्वतंत्र विशेषज्ञों के समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2030 तक हर साल 3 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की जरूरत होगी। इसका एक हिस्सा मौजूदा बैलेंस शीट का लाभ उठाकर और पूंजी पर्याप्तता ढांचे को लागू करने से आ सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार सभी MDB संस्थानों में 100 अरब डॉलर की नई इक्विटी की उल्लेखनीय वृद्धि की आवश्यकता है।
रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक आधिकारिक विकास वित्त में हर साल 500 अरब डॉलर की वृद्धिशील राशि की जरूरत होगी जिसमें 260 अरब डॉलर MDB के जरिये आना चाहिए। अभी इस रिपोर्ट पर G 20 देशों के वित्त और केंद्रीय बैंकों के उपप्रमुखों के प्रतिनिधि विचार-विमर्श कर रहे हैं।
नौ सदस्यीय विशेषज्ञ समूह के सह संयोजक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेजिडेंट एमेरिट्स लॉरेंस समर्स, भारत के 15वें वित्त आयोगे के चेयरपर्सन व इंस्टीट्यूट ऑफ इकनोमिक ग्रोथ के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह हैं। ये दोनों इस रिपोर्ट के लेखक भी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन और सतत आधारभूत संरचना पर चीन को छोड़कर अन्य विकासशील देशों को 2030 तक आदर्श रूप से अपना खर्च चार गुना बढ़ा देना चाहिए और SDG पर खर्च बढ़ाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और शिक्षा की मानव पूंजी पर कम से कम खर्च 75 फीसदी बढ़ाया जाना चाहिए।