विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में सुस्त वृद्धि के साथ नए ऑर्डर में वृद्धि कमजोर पड़ने से भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का विस्तार अगस्त महीने में सुस्त रहा है।
वैश्विक बैंकर एचएसबीसी की ओर से गुरुवार को जारी सर्वे के मुताबिक कंपोजिट पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का आंकड़ा अगस्त में घटकर 60.5 पर आ गया, जो जुलाई के संशोधित आंकड़े 60.7 से कम है।
हालांकि, भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के संयुक्त उत्पादन में मासिक बदलाव के मापन करने वाला यह सूचकांक लगातार 37वें महीने वृद्धि के क्षेत्र में बना रहा।
सर्वे में कहा गया है, ‘आंकड़ों से नए कारोबार में तेज वृद्धि, ठोस रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं के प्रति आशावादी दृष्टिकोण का पता चलता है। कीमत के मोर्चे पर देखें तो इनपुट लागत और बिक्री मूल्य दोनों में सुस्त वृद्धि हुई है। विनिर्माण उद्योग के उत्पादन में कमजोर वृद्धि हुई है और इसकी तुलना में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में थोड़ी मजबूत वृद्धि हुई।’
एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकॉनमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत का फ्लैश कंपोजिट पीएमआई अगस्त में थोड़ा नीचे आया है, हालांकि यह ऐतिहासिक औसत से उल्लेखनीय रूप से ऊपर बना हुआ है। विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में सुस्त वृद्धि हुई है, वहीं सेवा फर्मों की कारोबारी गतिविधियों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में नए ऑर्डर में वृद्धि घटकर फरवरी के बाद के निचले स्तर पर आ गई है, लेकिन विस्तार की रफ्तार तेज बनी हुई है। इससे संकेत मिलता है कि मजबूत मांग और बाजार की अनुकूल स्थिति बनी हुई है।
इसके अलावा सर्वे में पाया गया है कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री के मामले में सेवा क्षेत्र में विनिर्माण की तुलना में वृद्धि तेज रही है। हालांकि दोनों मामलों में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही है। समग्र स्तर पर नए निर्यात ऑर्डर बढ़े हैं, लेकिन अप्रैल के बाद से सबसे कमजोर वृद्धि हुई है।
हालांकि निजी क्षेत्र की कंपनियों में क्षमता को लेकर दबाव है, जिससे पता चलता है कि आगे चलकर बैकलॉग और बढ़ेगा।
अगस्त के विनिर्माण पीएमआई के अंतिम आंकड़े 2 सितंबर को जारी होंगे और यह अनुमान है कि यह 57.9 पर बना रहेगा। सेवा और कंपोजिट पीएमआई के आंकड़े 4 सितंबर को जारी होंगे।