भारत का सोने का आयात अगस्त में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में दोगुना हो गया। यह पिछले 5 महीने में सर्वाधिक आयात है। मजबूत मांग और दाम कम होने की वजह से आभूषण कारोबारियों ने त्योहारों के मौसम के लिए खरीद बढ़ाई है। सरकार से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
विश्व के दूसरे बड़े उपभोक्ता भारत द्वारा सोने के आयात को सोने की बेंचमार्क कीमतों से समर्थन मिला है, जो अगस्त, 2020 के 2,072 डॉलर के सर्वोच्च स्तर से करीब 12 प्रतिशत कम हुआ है। आयात में इस बढ़ोतरी से भारत का व्यापार घाटा और रुपये पर दबाव बढ़ सकता है।
एक सूत्र ने कहा कि अगस्त में भारत ने 121 टन सोने का आयात किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 63 टन सोने का आयात किया था। सूत्र ने मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत न होने का हवाला देते हुए नाम साïर्वजनिक किए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मूल्य के हिसाब से देखें तो अगस्त में आयात 6.7 अरब डॉलर का हो गया है, जो एक साल पहले 3.7 अरब डॉलर का था।
गोल्ड इंपोर्टिंग बैंक से जुड़े मुंबई के एक कारोबारी ने कहा कि इस महीने के पहले पखवाड़े में कीमतों में कमी से आभूषण कारोबारियों को मौका मिला, जो आगामी त्योहारों के लिए भंडार बनाना चाहते थे।
10 अगस्त को स्थानीय गोल्ड फ्यूचर्स गिरकर 45,662 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जो 4 महीने का सबसे निचला स्तर है। कोलकाता में सोने के थोक विक्रेता हर्षद अजमेरा ने कहा, ‘अगस्त में खुदरा मांग अच्छी थी, क्योंकि कोरोनावायरस के मामले कम हो गए थे और लोग खरीदारी के लिए निकल रहे थे।’
2021 के पहले 8 महीने में भारत का सोने का आयात पिछले साल के कम आधार की तुलना में तीन गुना होकर 687 टन हो गया। पिछले साल कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए देशबंदी हुई थी, जिससे कारोबार पर असर पड़ा था।
चेन्नई के एक सोने के कारोबारी ने कहा कि अगर त्योहारों के पहले कीमतें स्थिर रहती हैं तो सितंबर में भारत का सोने का आयात बढ़कर 80 टन से ऊपर जा सकता है, जो एक साल पहले के समान महीने में 12 टन था।
ढाई माह के उच्च स्तर पर सोना
सोमवार को सोने की कीमत बढ़कर ढाई महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसकी वजह अमेरिका में नौकरियों के निराशाजनक आंकड़े रहे, और उम्मीद की जा रही है कि प्रोत्साहन के कदम वापस लेने के लिए फेडरल रिजर्व लंबा इंतजार कर सकता है। सोने के हाजिर दाम 0.1 प्रतिशत बढ़कर 1,827.82 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इसके पहले के सत्र में 16 जून को कीमत 1,833.80 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची थी। आईजी मार्केट एनलिस्ट कायल रोड्डा ने कहा कि अमेरिकी डॉलर कमजोर होने और पहले के अनुमान की तुलना में फेडरल रिजर्व सुस्त चलने की धारणा की वजह से सोने को समर्थन मिला है। श्रम विभाग के शुक्रवार के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका के गैर कृषि पेरोल पिछले महीने बढ़कर 2,35,000 है, जो अर्थशास्त्रियों के 7,28,000 के अनुमान से कम है।