गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह 5.4 फीसदी थी। यह पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के अनुमान से काफी ज्यादा है।
2023-24 (FY24) की पहली तिमाही में भारत की GDP 7.8 प्रतिशत बढ़ी थी।
MPC ने दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि, पिछले महीने बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI शिखर सम्मेलन में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े सभी को आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
दास ने कहा था, “आर्थिक गतिविधियों की गति को देखते हुए और कुछ शुरुआती संकेतों पर विचार करते हुए, मेरा मानना है कि नवंबर के अंत तक दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े, सभी की उम्मीदों से आगे निकल जाएंगे।”
FY24 के लिए, RBI ने भारत की GDP वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत आंका है। रेटिंग एजेंसी S&P ने “चाइना स्लोज़ इंडिया ग्रोथ्स” टाइटल वाली एक रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत 6.4 प्रतिशत की दर से विकास करेगा। अगले वर्ष, FY25 के लिए, S&P ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत आंकी है।
इससे पहले गुरुवार को, सरकारी आंकड़ों से पता चला कि आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का उत्पादन अक्टूबर 2023 में 12.1 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि एक साल पहले इनमें 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। समीक्षाधीन महीने में फर्टिलाइजर को छोड़कर सभी क्षेत्रों में अच्छी उत्पादन वृद्धि दर्ज की गई।
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सितंबर में, मुख्य क्षेत्र (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली) में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।
इस साल अप्रैल-अक्टूबर में आठ क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले 8.4 प्रतिशत थी।
इसके अलावा, अक्टूबर के अंत में भारत का राजकोषीय घाटा 8.03 ट्रिलियन रुपये था, जो पूरे साल के बजट अनुमान 17.86 ट्रिलियन रुपये का 45 प्रतिशत था।