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राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 45% तक पहुंचा, जीडीपी आंकड़ों का इंतजार

पिछले साल की समान अवधि में घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 45.6% था।

Last Updated- November 30, 2023 | 5:10 PM IST
fiscal deficit

गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (FY24) में अप्रैल-अक्टूबर के लिए भारत का राजकोषीय घाटा सरकार के 2023-24 के लक्ष्य 17.87 ट्रिलियन रुपये के 45% तक पहुंच गया। पिछले साल की समान अवधि में घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 45.6% था।

राजकोषीय घाटा सरकार के खर्च और उसके राजस्व के बीच का अंतर है।

इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक राजकोषीय घाटा 8.04 ट्रिलियन रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि में 7.57 ट्रिलियन रुपये था। यह FY24 के पहले छह महीनों के लिए पूरे साल के लक्ष्य का 39.3% है।

केंद्रीय बजट में, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।

2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत था, जबकि पहले अनुमान 6.71 प्रतिशत था।

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हाल के अनुमानों में, राजस्व अंतर 2.8 ट्रिलियन रुपये था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.85 ट्रिलियन रुपये था। सरकारी खर्च बढ़कर 23.94 ट्रिलियन रुपये हो गया, जो पहले 21.44 ट्रिलियन रुपये था।

इससे पहले, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने विश्वास जताया था कि बढ़ते फूड सब्सिडी बिल के बावजूद केंद्र वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगा।

गुरुवार शाम को केंद्र वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी आंकड़ों की घोषणा करने के लिए तैयार है।

First Published - November 30, 2023 | 5:10 PM IST

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