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भारत का गैर-शुल्क बाधाओं पर डब्ल्यूटीओ कार्रवाई का आह्वान

मंत्री ने यह बात ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फ्रांस और नाइजीरिया सहित विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के लगभग 25 मंत्रियों की बैठक में कही।

Last Updated- June 04, 2025 | 10:59 PM IST
दुनिया का राष्ट्रीय हित वैश्विक व्यापार पर भारी, National interest trumps global trade

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत ने गैर-शुल्क बाधाओं पर अंकुश लगाने, गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं के कारण होने वाली व्यापार विकृतियों को दूर करने एवं विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक मजबूत विवाद निपटान तंत्र बहाल करने का आह्वान किया है।

मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में वर्तमान सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करने, कम विकसित देशों एवं विकासशील देशों के साथ विशेष तथा अलग व्यवहार और उन मुद्दों पर पुनः गौर करने की भी वकालत की, जिन्हें पिछली मंत्रिस्तरीय बैठकों में पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है।

गोयल ने पत्रकारों से कहा, ‘भारत ने गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने की पुरजोर वकालत की जिसका इस्तेमाल कुछ देश दूसरों को बाजार पहुंच से वंचित करने के लिए करते हैं। इसके अलावा भारत ने गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने तथा यह सुनिश्चित करने की भी वकालत की कि डब्ल्यूटीओ में हमारे पास मजबूत विवाद निपटान तंत्र हो, ताकि अंतिम निर्णय लिया जा सके और अनुशासन बनाए रखा जा सके।’

‘गैर-बाजार अर्थव्यवस्था’ से तात्पर्य ऐसी अर्थव्यवस्था से है जहां उत्पादन एवं कीमतों के निर्धारण में सरकार का हस्तक्षेप अधिक होता है और बाजार के नियम (जैसे आपूर्ति एवं मांग) उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं होती। मंत्री ने यह बात ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फ्रांस और नाइजीरिया सहित विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के लगभग 25 मंत्रियों की बैठक में कही। बैठक में विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला भी शामिल हुईं। य

ह लघु-मंत्रिस्तरीय अनौपचारिक बैठक ऑस्ट्रेलिया द्वारा अगले वर्ष मार्च में कैमरून में होने वाले 14वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले बुलाई गई थी। यह आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (आईईसीडी) की मंत्रिस्तरीय परिषद की बैठक के दौरान आयोजित की गई थी।

डब्ल्यूटीओ, देशों के बीच व्यापार के वैश्विक नियमों से संबंधित निकाय है। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यापार यथासंभव सुचारु, पूर्वानुमानित एवं स्वतंत्र रूप से जारी रहे। जिनेवा स्थित इस निकाय के 166 देश सदस्य हैं।

निवेश सुविधा समझौते के लिए चीन के नेतृत्व वाले प्रस्ताव पर गोयल ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन में जो मुद्दे अनिवार्य किए गए हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सबसे पहले उनका निपटान किया जाना चाहिए।

First Published - June 4, 2025 | 10:42 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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