facebookmetapixel
Sectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरीED-IBBI ने घर खरीदारों और बैंकों को राहत देने के लिए नए नियम लागू किएकमजोर बिक्री के बावजूद महंगे हुए मकान, तीसरी तिमाही में 7 से 19 फीसदी बढ़ी मकान की कीमतमुंबई में बिग बी की बड़ी डील – दो फ्लैट्स बिके करोड़ों में, खरीदार कौन हैं?PM Kisan 21st Installment: किसानों के खातें में ₹2,000 की अगली किस्त कब आएगी? चेक करें नया अपडेटनतीजों के बाद दिग्गज Telecom Stock पर ब्रोकरेज बुलिश, कहा- खरीदकर रख लें, ₹2,259 तक जाएगा भावTata Steel के तिमाही नतीजों की तारीख घोषित! जानिए कब खुलेंगे कंपनी के मुनाफे के आंकड़ेटाटा मोटर्स की अहम बैठक 14 नवंबर को, सितंबर तिमाही के नतीजों पर होगी चर्चाएयर टिकट बुक किया? अब 48 घंटे में बिना जुर्माने के रद्द कर सकेंगे टिकट, DGCA के नए प्रस्ताव से यात्रियों को राहतCanada immigration plan: हर साल 3.8 लाख लोग कनाडा में पा सकते हैं स्थायी घर, अस्थायी वीजा पर कड़ा नियम!

GDP का 1.3% अधिशेष: सेवा निर्यात ने बढ़ाया दम, चालू खाते में भारत को $13.5 अरब का सरप्लस

सेवा निर्यात में तेजी और प्राथमिक आय निकासी में गिरावट ने भारत को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में चालू खाता अधिशेष हासिल करने में मदद की।

Last Updated- June 27, 2025 | 10:30 PM IST
जारी रहने वाला है रुपये की स्थिरता का दौर, The 'stable' run for the rupee to continue
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत के चालू खाता में मार्च 2025 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत 13.5 अरब डॉलर का अधिशेष दर्ज हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू खाते में तीन तिमाहियों में घाटे के बाद यह अधिशेष दर्ज हुआ। सेवा निर्यात की वृद्धि ने अधिशेष में मुख्य तौर पर योगदान दिया।

बीते वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही) में चालू खाते का अधिशेष 4.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.5 प्रतिशत) था। दिसंबर, 2024 की तिमाही की समाप्ति पर चालू खाते का घाटा (सीएडी) 11.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) था। वित्त वर्ष 25 में चालू खाते का घाटा सुस्त होकर 23.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) था जबकि यह वित्त वर्ष 24 में 26 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) था।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया कि चालू खाते के  संतुलन ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में उम्मीद के अनुरूप मौसमी अधिशेष दर्शाया। यह इस तिमाही में प्राथमिक आय की निकासी में अप्रत्याशित गिरावट  के बीच हमारी अपेक्षाओं से अधिक रहा। इसके चलते वित्त वर्ष 25 में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 0.6 प्रतिशत हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.7 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने तिमाही रुझानों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही मं2 शुद्ध सेवा प्राप्तियां बढ़कर 53.3 अरब डॉलर रहीं, जो एक साल पहले (42.7 अरब डॉलर) थीं। इसने चौथी तिमाही के दौरान चालू खाते के संतुलन के अधिशेष में योगदान दिया।

वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 59.5 अरब डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही  में 52.0 अरब डॉलर था। हालांकि, यह पिछली तिमाही के 79.3 बिलियन डॉलर से सुस्त था।

प्राथमिक आय खाते से शुद्ध निकासी मुख्य तौर पर निवेश आय के भुगतान को प्रदर्शित करती है और यह वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में सुस्त होकर 11.9 अरब डॉलर हो गई जबकि यह एक वर्ष पूर्व 14.8 अरब डॉलर थी। निजी हस्तांतरण प्राप्तियां मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों के धन भेजने को दर्शाती है। रिजर्न बैंक के अनुसार निजी हस्तांतरण प्राप्तियां बढ़कर 33.9 अरब डॉलर हो गई जबकि यह एक साल पहले 31.3 अरब डॉलर थी।

Also Read: ITC के FMCG ब्रांड्स ने बनाई 26 करोड़ घरों में जगह, उपभोक्ताओं ने FY 2025 में ₹34,000 करोड़ से अधिक किए खर्च

रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार के  बारे में कहा कि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 8.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही  में 30.8 अरब डॉलर से काफी कम है।

रिजर्वब बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 24 में 63.7 अरब डॉलर की वृद्धि के मुकाबले वित्त वर्ष 25 में 5.0 अरब डॉलर की कमी आई है।

इक्रा ने चालू खाते  के भविष्य के दायरे के बारे में उम्मीद जताई है कि जून 2025 ( वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) को समाप्त होने वाली मौजूदा तिमाही में चालू खाता फिर से घाटे में आ जाएगा, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.3 प्रतिशत होगा। पुन: घाटे में आने की आशंका का कारण यह है कि वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में वस्तु व्यापार घाटे के बढ़ने और सेवा व्यापार अधिशेष में कमी आ सकती है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा मौजूदा वित्त वर्ष 26 में सकल घरेलू उत्पाद का औसतन 1% रहने का अनुमान है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद प्रबंधनीय है। यह स्तर राजकोषीय वर्ष के लिए कच्चे तेल की औसत कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल पर आकलन करता है।

First Published - June 27, 2025 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट