भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के चार दिनों की परिवर्ती रीपो दर (VRR) नीलामी में बाजार भागीदारों की तरफ से अच्छी मांग देखी गई, क्योंकि अग्रिम कर भुगतान और वस्तु एवं सेवा कर भुगतान के कारण जून में तंत्र से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये निकलने की उम्मीद है। डीलरों ने यह जानकारी दी है। 75,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के मुकाबले, आरबीआई को कुल 75,695 करोड़ रुपये की बोली मिली।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘RBI ने VRR नीलामी इसलिए की क्योंकि अगले 2-3 दिनों में भारी मात्रा में जीएसटी की रकम आने वाली है। बैंकों की इसमें सक्रिय भागीदारी थी क्योंकि उन्हें पूंजी की आवश्यकता होगी।’ केंद्रीय बैंक ने एक महीने बाद परिवर्ती रीपो दर की नीलामी कराई है। पिछली वीआरआर नीलामी 19 मई को आयोजित की गई थी। डीलरों ने कहा कि बाजार में कॉल दरों में वृद्धि और त्रिपक्षीय रीपो (ट्रेप) दरों से भी उल्लेखनीय मांग में तेजी आई।
भारित औसत कॉल दरें पिछले चार कारोबारी सत्रों से रीपो दर से ऊपर कारोबार कर रही हैं, जो 6.54 प्रतिशत से 6.64 प्रतिशत के दायरे में हैं। भारित औसत ट्रेप दरें, पिछले दो कारोबारी सत्रों से रीपो दर से 6.54-6.60 प्रतिशत के दायरे में कारोबार कर रही हैं।
एक अन्य सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक को ऊंची कॉल दरों और ट्रेप दरों को देखते हुए और नीलामी करनी चाहिए। हमें जून में इस तरह की और नीलामी की उम्मीद करनी चाहिए।’ बैंकों ने शुक्रवार को केंद्रीय बैंक के पास 85,000 करोड़ रुपये जमा किए।
RBI ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला किया जिससे नकदी में सुधार की उम्मीदें बढ़ गईं थीं। हालांकि 2,000 रुपये के नोट चलन में ज्यादा नहीं थे, लेकिन केंद्रीय बैंक द्वारा, इन बैंक नोटों को वापस लेने के फैसले के बाद बाजार प्रतिभागियों को जमाओं के माध्यम से लगभग 2.5 लाख करोड़ डॉलर मिलने की उम्मीद थी।
परिवर्तनीय रिवर्स रीपो (VRRR) दर नीलामी के माध्यम से अतिरिक्त नकदी जुटाने के RBI के प्रयास को बैंकों की तरफ से सुस्त प्रतिक्रिया मिली क्योंकि कर भुगतान के कारण नकदी बढ़ने की उम्मीद थी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘बैंकों ने सतर्कता बरती है। अभी भी वहां कुछ नकदी है। जब हम कहते हैं कि बैंक सतर्क हैं तब याद रखें कि VRRR के माध्यम से लगभग 1.5 लाख करोड़ डॉलर जुटाए गए हैं।’
बैंकों ने पिछले चार वीआरआरआर नीलामी में अधिसूचित राशि की तुलना में बहुत कम धन लगाया। बैंकों ने इन नीलामी में 1.56 लाख करोड़ रुपये लगाए जबकि कुल अधिसूचित राशि 4.5 लाख करोड़ रुपये थी।