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महंगाई ने दिया झटका मगर इंडस्ट्रियल फ्रंट पर आई खुशखबरी, मई में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.9 प्रतिशत बढ़ा

रसोई के सामान महंगे होने से जुलाई में खुदरा मंहगाई 0.28 फीसदी बढ़कर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई।

Last Updated- July 12, 2024 | 7:26 PM IST
​खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी, औद्योगिक उत्पादन में तेजी, ​Retail inflation rises, industrial production picks up

IIP Data and Retail Inflation: आर्थिक मोर्च पर महंगाई ने झटका दिया है, मगर इंडस्ट्रियल फ्रंट देश के लिए खुशखबरी है। माइनिंग और बिजली सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन के दम पर इस साल मई में देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP) सात महीने के उच्चतम स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गया। पिछले महीने अप्रैल में यह 5 प्रतिशत पर था। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा गया कारखाना उत्पादन (factory output) में मई 2023 में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मई 2024 में घटकर 4.6 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले इसी महीने में 6.3 प्रतिशत था।

इस साल मई में खनन उत्पादन 6.6 प्रतिशत बढ़ा और बिजली उत्पादन 13.7 प्रतिशत बढ़ा।

इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान आईआईपी में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 5.1 प्रतिशत थी।

जुलाई में रिटेल इंफ्लेशन 5.08 फीसदी पर पहुंचा

वहीं, दूसरी तरफ महंगाई के मोर्चे पर आम जनता को झटका लगा है। रसोई के सामान महंगे होने से जुलाई में खुदरा मंहगाई 0.28 फीसदी बढ़कर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले महीने जून में यह 4.8 फीसदी पर थी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई मई 2024 में 4.8 प्रतिशत और जून 2023 में 4.87 प्रतिशत (पिछला निचला स्तर) थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फूड बॉस्केट में महंगाई जून में 9.36 प्रतिशत थी, जो मई में 8.69 प्रतिशत थी।

सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा महंगाई दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।

केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए CPI आधारित खुदरा महंगाई 4.5 प्रतिशत, Q1 में 4.9 प्रतिशत, Q2 में 3.8 प्रतिशत, Q3 में 4.6 प्रतिशत और Q4 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है।

First Published - July 12, 2024 | 6:15 PM IST

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