भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने वित्त वर्ष 2023-24 (वित्त वर्ष 24) के पहले चार महीनों में महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज की कुल 122 परियोजनाओं पर कार्य किया। यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा में दी।
इस वैज्ञानिक एजेंसी ने बीते तीन वर्षों में महत्त्वपूर्ण खनिज की कुल 422 खनिज परियोजनाओं पर कार्य किया। जोशी ने बताया,‘ खनन मंत्रालय ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और अन्य एजेंसियों की मदद से देशमें इन महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया है। वित्त वर्ष 23 में अभी तक महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज के लिए सर्वाधिक 123 परियोजनाओं पर कार्य हुआ था। यह संख्या इस साल अधिक हो जाएगी। इसका कारण यह है कि अभी तक इस साल में 122 खोज परियोजनाओं पर कार्य जारी हैं।
रणनीतिक संसाधनों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सरकार ने देश में महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज पर अधिक ध्यान देना केंद्रित किया है। केंद्र सरकार ने महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहली सूची जारी की। इसमें देश के आर्थिक विकास और तकनीकी विकास के लिए बीते महीने 30 महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है।
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इन सूचीबद्ध 30 खनिजों में 17 रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) और छह प्लेटिनम ग्रुप एलिमेंट (पीजीई) हैं। इनमें से हरेक महत्त्वपूर्ण खनिज की भारत के भूवैज्ञानिक भंडार में सीमित उपलब्धता और आर्थिक महत्त्व है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के इन महत्त्वपूर्ण खनिजों की सूची में एंटिमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, तांबा, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम, इंडियम, लीथियम, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, जिरकोन, सेलेनियम और कैडमियम हैं।
रणनीतिक खनिजों से संबंधित विभिन्न खनिजों के लिए खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) की स्थापना हुई। यह संयुक्त उपक्रम राष्ट्रीय एल्यूमीनियम कंपनी, हिंदुस्तान कॉपर और मिनरल एक्सपोलरेशन कंपनी से बनाया गया। इनमें तीनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश 40:30:30 है।
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मंत्री ने बताया, ‘काबिल बनाने का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक महत्त्व के खनिजों जैसे लीथियम, कोबाल्ट और अन्य खनन संपदाओं की पहचान कर विदेशों में अधिग्रहण करना है। इससे आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।’ उन्होंने बताया, ‘काबिल ने अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में रणनीतिक वमहत्त्व की संपत्तियों व महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए अनुबंध किए हैं।’
सरकार घरेलू स्तर पर खनिज संसाधनों के विकास को बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए इन खनिजों की खोज, खनन और प्रसंस्करण प्रक्रियाओं में सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार महत्त्वपूर्ण खनिजों के पर्यावरण अनुकूल खनन और प्रसंस्करण के लिए आधुनिकतम तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना देना चाहती है।