facebookmetapixel
2025 में ₹7 लाख करोड़ डूबने के बाद Nifty IT Index में आई सबसे बड़ी तेजी, आगे क्या करें निवेशकट्रंप बोले- मेरे पास अब तक के सबसे अच्छे नंबर हैं, तीसरी बार चुनाव लड़ना पसंद करूंगा15 लाख कर्मचारियों वाली Amazon करेगी 30,000 की छंटनी, खर्च घटाने की बड़ी मुहिम शुरूStock Market today: गिरावट के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 153 अंक नीचे, निफ्टी भी फिसलाStocks to Watch today: टाटा कैपिटल से लेकर अदाणी एनर्जी तक, इन शेयरों पर रहेगी आज नजर₹70,000 करोड़ की वैल्यूएशन वाली Lenskart ला रही है 2025 का पांचवां सबसे बड़ा IPOरूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूर

PLI पर खर्च होंगे 40,000 करोड़ रुपये से भी कम!

PLI के तहत 1.97 करोड़ रुपये का कुल प्रोत्साहन दिया जाना था और अंतरिम अनुमानों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसमें से केवल एक चौथाई रकम इस्तेमाल हो पाएगी।

Last Updated- July 23, 2023 | 10:54 PM IST

सरकार के अंतरिम अनुमानों के मुताबिक महत्त्वाकांक्षी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत प्रोत्साहन पर वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 40,000 करोड़ रुपये से भी कम खर्च किए जाएंगे। PLI योजना का यह चौथा साल होगा।

PLI के तहत 1.97 करोड़ रुपये का कुल प्रोत्साहन दिया जाना था और अंतरिम अनुमानों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक इसमें से केवल एक चौथाई रकम इस्तेमाल हो पाएगी। इससे यह संकेत भी मिलता है कि सभी 14 PLI योजना पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई हैं।

Also read: भारत का इंजीनियरिंग निर्यात जून में घटा, रूस के साथ बढ़ा: ईईपीसी

14 योजनाओं में से बड़े स्तर की तीन योजनाएं – इले​क्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, बल्क दवा और चिकित्सा उपकरण 2020 में शुरू की गई थीं तथा बाकी योजनाएं उसके बाद के साल में शुरू हुईं। कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 से प्रोत्साहन का दावा करना शुरू किया था, जो भारत में तैयार वस्तुओं की बिक्री में बढ़ोतरी के हिसाब से मिलता है।

पिछले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने 8 क्षेत्रों के PLI लाभा​र्थियों को बतौर प्रोत्साहन 2,874 करोड़ रुपये दिए हैं। इनमें मोबाइल विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर, फार्मास्युटिकल दवा, बल्क दवा, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार, खाद्य उत्पाद और ड्रोन शामिल हैं।

मामले के जानकार लोगों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि PLI योजना लागू होने के तीसरे साल यानी वित्त वर्ष 2024 में कुल व्यय 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 में प्रोत्साहन भुगतान 23 से 24 हजार करोड़ रुपये रह सकती है।

Also read: Reliance Stocks: कमजोर पड़ सकता है रिलायंस का शेयर

सरकारी अ​धिकारियों ने पहले कहा था कि पूरे 1.97 लाख करोड़ रुपये इस्तेमाल करने के लिए अगले दो साल- चालू वित्त वर्ष और अगला वित्त वर्ष अहम होंगे क्योंकि उन्हीं से तय होगा कि योजना की प्रगति कैसी है। यह योजना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है क्योंकि इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और सस्ते आयात पर रोक लगाते हुए निर्यात बढ़ाना है।

शेष पांच क्षेत्रों – इस्पात, टेक्सटाइल, बैटरी, सोलर पीवी और वाहन में प्रगति धीमी है तथा प्रोत्साहन राशि मिलनी अभी शुरू नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने उन कंपनियों के साथ बातचीत फिर शुरू कर दी है, जिन्हें PLI योजनाओं के तहत छांटा गया था। इस कदम का मकसद उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटना और त्वरित समाधान निकालना है।

First Published - July 23, 2023 | 10:54 PM IST

संबंधित पोस्ट