facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

सरकार प्रतिस्पर्धा विधेयक में समूह को निपटान योजना का लाभ देने पर हुई तैयार

Last Updated- January 29, 2023 | 10:58 PM IST
Rajnath, Nadda, Modi, Shah, Goyal

उद्योग जगत को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक के अंतर्गत समूह को निपटान योजना का लाभ उठाने की अनुमति प्रदान करने के लिए संसदीय समिति की सिफारिश स्वीकार कर ली है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

प्रस्तावित विधेयक निपटान और प्रतिबद्धता के लिए एक उपबंध पेश करने की मांग करता है। यह किसी भी ऐसे उद्यम के संबंध में होगा, जिसके खिलाफ निपटान मामले में आवेदन करने के लिए जांच शुरू की गई हो। वित्त पर संसदीय समिति ने ‘इस पूरी प्रक्रिया के लिए एक व्यावहारिक उपाय के रूप में’ समूह को निपटान के विषय क्षेत्र में शामिल करने का सुझाव दिया था।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि मामलों के आधार पर समूह के लिए किसी समझौता प्रावधान का फैसला अदालतों पर निर्भर हो सकता है। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि निपटान के चरण तक पहुंचने वाला कोई भी मामला, समूह या कोई और बात प्रतिस्पर्धा-रोधी होगी।

वर्तमान में प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 46 किसी समूह में शामिल पार्टियों के लिए नरम रुख रखती है। प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति ने समूह को शामिल करने की सिफारिश नहीं की थी क्योंकि उनकी प्रकृति प्रतिस्पर्धा-रोधी रहती है।

अलबत्ता जयंत सिन्हा की अगुआई वाली समिति ने 13 दिसंबर, 2022 को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि कोई भी ऐसा मामला, समूह या कुछ और, जो निपटान चरण तक पहुंचता है, प्रतिस्पर्धा-रोधी होता है।

हालांकि प्रस्तावित कानून अब भी इस बात के संबंध में स्पष्ट नहीं है कि क्या निपटान और प्रतिबद्धताओं के मामले में किसी आवेदन के लिए दोष मानने की जरूरत है या नहीं।

सीसीआई सीमेंट समूह के खिलाफ अपनी जांच को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि संसद द्वारा इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद सीमेंट समूह इस निपटान योजना का उपयोग कर सकता है।

हालांकि स्थायी समिति की कुछ सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सरकार ने प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक के लिए ‘अनिवार्य प्रभाव आधारित विश्लेषण’ की अवधारणा की शुरूआत करने को खारिज कर दिया है।

समिति ने कहा था कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को किसी व्यवहार को प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के रूप में तय करने से पहले
उपभोक्ताओं पर असर, नवाचार और प्रतिस्पर्धा जैसे विभिन्न कारकों का अध्ययन करना चाहिए।

यह प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक 31 जनवरी से शुरू होने वाले आगामी बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।

First Published - January 29, 2023 | 10:58 PM IST

संबंधित पोस्ट