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महंगाई दर के लक्ष्य की होगी समीक्षा : वित्त मंत्री

Last Updated- December 12, 2022 | 8:07 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत के महंगाई दर के लक्ष्य के 2 से 6 प्रतिशत बैंड की समीक्षा होगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के लिए 5 साल का यह ढांचा तैयार किया गया था, जिसकी अवधि खत्म होने वाली है।
सीतारमण ने कहा, ‘एमपीसी का कार्यकाल अब खत्म होने वाला है। महंगाई दर के लक्ष्य की भी समीक्षा होगी। हम यह करेंगे।’
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार ने लक्ष्य के ढांचे पर भारतीय रिजर्व बैंक का विचार मांगा है। सरकार ने सीपीआई बास्केट में बदलाव करने को लेकर भी केंद्रीय बैंक का सुझाव मांगा है और यह भी पूछा है कि क्या इसमें अधिभार में किसी बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नए मसौदे की घोषणा 31 मार्च को की जाएगी।
2016 में अधिसूचित ढांचे में 31 मार्च 2021 तक के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई 4 प्रतिशत रखना अनिवार्य किया गया था, जिसकी ऊपरी और निचली सीमा क्रमश: 6 प्रतिशत और 2 प्रतिशत तय की गई थी।
केंद्र सरकार द्वारा हर 5 साल पर महंगाई का लक्ष्य तय करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ परामर्श के बाद रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन किया गया था।
मौजूदा 2 से 6 प्रतिशत की सीमा इस वित्त वर्ष के अंत तक के लिए है। मार्च को छोड़ दें तो पिछले कैलेंडर साल में नवंबर तक सीपीआई आधारित महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे नहीं आई।
वित्त अधिनियम, 2016 के माध्यम से संशोधित आरबीआई एक्ट के मुताबिक अगर महंगाई दर तय सीमा के भीतर नहीं रहती है तो रिजर्व बैंक को एक रिपोर्ट सरकार को भेजनी होती है, जिसमें लक्ष्य हासिल करने में विफलता की वजह, उठाए जाने वाले कदमों और महंगाई दर का लक्ष्य हासिल कर लेने की अनुमानित अवधि बतानी होती है। बहरहाल एमपीसी ने अप्रैल और मई के महंगाई दर के आंकड़ोंं पर विचार नहीं किया, क्योंकि उसमें खामियां थी। इसकी वजह से रिजर्व बैंक सरकार की जांच के दायरे में नहीं आया। दिसंबर 2020 से सीपीआई महंगाई दर एमपीसी की 4 प्रतिशत की सीमा में है। जनवरी में यह गिरकर 16 माह के निचले स्तर 4.06 प्रतिशत पर आ गई। जबकि मार्च 2020 से यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत के आसपास चल रही थी।
बहरहाल सरकार और रिजर्व बैंक का विचार है कि मौजूदा लक्ष्य के ढांचे पर सही तरीके से काम किया जाएगा और निश्चित रूप से यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। हाल की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि महंगाई दर के लक्ष्य ने बेहतर तरीके से काम किया।
केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्ती मदन सबनवीस ने कहा कि भरात में परंपरागत रूप से ज्यादा महंगाई दर रही है और एमपीसी का महंगाई दर का लक्ष्य बढ़ाकर 5 प्रतिशत (2 प्रतिशत कम या ज्यादा) किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब एमपीसी का गठन किया गया था, तब महंगाई दर कम थी, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह 5 प्रतिशत से ऊपर रही है। ऐसे में 4 प्रतिशत का लक्ष्य उचित नहीं है।’

First Published - February 18, 2021 | 11:10 PM IST

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