वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत की डिजिटल दुनिया की सुरक्षा के लिए तकनीकी रूप से सक्षम ताकतों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक, आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने का काम कर रही है, लेकिन अगर किसी गलत इरादे से तकनीक का दुरुपयोग किया जाए तो देश की वित्तीय सेवाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘इस मोड़ पर हमारे लिए नई चुनौतियों की पहचान करना जरूरी है, जिनका सामना देश को करना पड़ रहा है। चुनौतियां सिर्फ देश की सीमा पर नहीं हैं। आज तकनीक किसी चिह्नित सीमा का इंतजार नहीं कर रही है। तकनीक से जहां हमारी उत्पादकता बढ़ी है, वहीं इसका दुरुपयोग भी कुछ निहित स्वार्थी तत्वों या बुरी ताकतों द्वारा किया जा रहा है।’
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) ने लोगों का जीवन आसान बनाया है, लेकिन इससे खतरा भी है। आम लोगों के अलावा बैंकों, शेयर बाजारों, भुगतान संस्थानों या ऑनलाइन मार्केटिंग या कैब सेवाएं चलाने वाले प्लेटफॉर्मों को भी खतरा है।
सीतारमण ने कहा कि भारत अपने सभी प्रतिस्पर्धियों की नजरों में आगे बढ़ रहा है और कई लोग ऐसी वृद्धि आश्चर्यजनक मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘तमाम शुभचिंतक हो सकते हैं। तमाम ऐसे लोग भी हैं, जिनका मानना है कि यह कोई खास बात नहीं है वे और हमें चुनौती दे सकते हैं।’उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों के पास भी भारत जैसा डिजिटल कौशल नहीं हैं, जैसा कि भारत ने पिछले दशक में देखा है। सीतारमण ने कहा, ‘सीमाओं की रक्षा के लिए जिस तरह सेना की जरूरत है, हमें उसी तरह देश में तकनीक में सक्षम लोगों की जरूरत है, जो हमारे सामने आने वाले संभावित खतरों को लेकर आगाह रहें।’