मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के आंकड़े निरंतर बढ़ती ग्रामीण खपत को दर्शाते हैं। यदि अर्थव्यवस्था बीते 10 वर्षों में किए गए आधारभूत सुधारों पर आगे बढ़ती है तो यह सतत ढंग से मध्यम अवधि में 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि से बढ़ सकती है।
नागेश्वरन ने ताजा आंकड़ों पर वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ग्रामीण खपत वास्तविक रूप से स्थिर हो चुकी है और यह निरंतर बेहतर हो रही है। अच्छे मॉनसून के कारण ग्रामीण खपत को बढ़ावा मिलेगा। इससे आने वाली तिमाहियों में कुल खपत में इजाफा होगा।’ भारत ने जून, 2024 की समाप्ति पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।
सीईए ने बताया कि कई टिप्पणीकर्ताओं ने चुनाव में सरकारी खर्च और पूंजीगत निवेश गिरने के कारण जीडीपी की वृद्धि में कुछ गिरावट का अनुमान जताया था। हालांकि निजी खपत व्यय, सकल निश्चित पूंजी निर्माण और शुद्ध निर्यात बढ़ने के कारण अर्थव्यवस्था ने मांग व आपूर्ति का बेहतर ढंग से समन्वय किया है। नागेश्वरन ने बताया, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने वृद्धि को कायम रखा है। निजी क्षेत्र ने निवेश करना शुरू कर दिया है।’
सीईए ने उम्मीद जताया कि इस वर्ष देश में सामान्य बारिश और बीते 10 वर्षों में जलाशयों के सर्वाधिक स्तर पर भरने के कारण इस वित्तीय वर्ष में कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों में फिर से सुधार हो सकता है। उन्होंने बताया कि मॉनसून की बारिश अच्छे ढंग से होने और सालाना आधार पर खरीफ की ज्यादा बुआई होने से ग्रामीण मांग व कृषि का उत्पादन बढ़ सकता है। नागेश्वर ने बताया कि सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सुधारा है। राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को वित्त वर्ष 25 में 5.1 प्रतिशत से घटाकर 4.9 प्रतिशत किया गया और इसे वित्त वर्ष 26 में 4.5 प्रतिशत के लक्ष्य के प्रयास जारी हैं।