तेल मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में पेट्रोल की खपत में सालाना आधार पर 7.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी प्रमुख वजह त्योहार के कारण बढ़ी मांग है। इस महीने में पेट्रोल की घरेलू खपत 36.5 लाख टन रही, जो पिछले साल अक्टूबर में 34.1 लाख टन थी।
देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की खपत में सालाना आधार पर 0.48 प्रतिशत गिरावट आई है। पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनॉलिसिस सेल (पीपीएसी) की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर में पेट्रोल की खपत 76 लाख टन रही। सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल के कारण डीजल की मांग में कमी आई है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वाणिज्यिक वाहनों और कृषि मशीनरी में होता है।
विमान में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एटीएफ) की मांग इस माह के दौरान सालाना आधार पर 1.57 प्रतिशत बढ़ी है, जो मुख्य रूप से त्योहारी यात्रा की वजह से हुआ है। अक्टूबर में एटीएफ की खपत 76.9 लाख टन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 75.7 लाख टन थी।
अक्टूबर में रसोई गैस (एलपीजी) की खपत भी 5.42 प्रतिशत बढ़ी है और यह पिछले साल अक्टूबर के 28.2 लाख टन की तुलना में इस साल अक्टूबर में बढ़कर 29.4 लाख टन हो गई।
चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक पेट्रोल और रसोई गैस की मांग मजबूत बनी हुई है। 2025-26 के शुरुआती 7 महीनों में पेट्रोल की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना 6.79 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि रसोई गैस की बिक्री सालाना आधार पर 7.18 प्रतिशत बढ़ी है।