facebookmetapixel
Stock Market Outlook: Q2 नतीजों से लेकर फेड के फैसले और यूएस ट्रेड डील तक, ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चालअनिल अग्रवाल की Vedanta ने $500 मिलियन बांड जारी कर कर्ज का बोझ घटायाMaruti Suzuki के दम पर भारत का वाहन निर्यात 18% बढ़ा: SIAMअदाणी की फंडिंग में US इंश्योरर्स की एंट्री, LIC रही पीछेMCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमकेDelhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याजड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरू

Economic Survey 2024: इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ज्यादा सुविधाओं की दरकार, प्राइवेट सेक्टर से ज्यादा खर्च कर रही सरकार

रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से पता चलता है कि कैसे उप-राष्ट्रीय स्तर पर पहल बुनियादी ढांचा के विकास के लिए और संसाधान जुटाने की सुविधा दे सकती है।

Last Updated- July 22, 2024 | 9:50 PM IST
Economic Survey 2024: More facilities are needed for infrastructure, private sector investment is less than government Economic Survey 2024: इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ज्यादा सुविधाओं की दरकार, प्राइवेट सेक्टर से ज्यादा खर्च कर रही सरकार

Economic Survey 2024: सोमवार को जारी आर्थिक समीक्षा 2023-24 में अहम बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी पूंजी व्यय की कमी का उल्लेख किया गया और कहा गया कि उद्योग से पूंजीगत व्यय का स्तर संतोषप्रद नहीं है। समीक्षा में कहा गया कि वित्त वर्ष 2019 और 2023 के बीच कुल निवेश में केंद्र ने 49 फीसदी और राज्य सरकारों ने 29 फीसदी का योगदान दिया, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान महज 22 फीसदी रहा।

केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचा के विकास के मसले पर कहा, ‘भारत के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर अग्रसर रहने के लिए निजी क्षेत्र से अधिक रकम जुटाने और नए स्रोतों से संसाधन जुटाना महत्त्वपूर्ण होगा। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए न सिर्फ केंद्र सरकार से संस्थागत समर्थन की जरूरत होगी बल्कि राज्य और स्थानीय सरकारों को भी समान भूमिका निभानी पड़ेगी।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से पता चलता है कि कैसे उप-राष्ट्रीय स्तर पर पहल बुनियादी ढांचा के विकास के लिए और संसाधान जुटाने की सुविधा दे सकती है।

सरकार ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास के लिए हाइब्रिड एन्युटी मॉडल जैसी नई उद्योग अनुकूल पद्धतियां पेश की गई हैं, लेकिन उनके लिए आवेदन सिर्फ सड़क और जल जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित है।

First Published - July 22, 2024 | 9:50 PM IST

संबंधित पोस्ट