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मासिक रिपोर्ट से तय होगी आर्थिक समीक्षा, 31 मई तक जारी कर दिए जाएंगे आंकड़े

Last Updated- May 07, 2023 | 9:55 PM IST
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वित्त मंत्रालय की मई महीने मासिक आर्थिक समीक्षा (MER) जून के आखिर में जारी होगी, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अर्द्ध आर्थिक समीक्षा का काम कर सकती है। इसमें चल रहे वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तृत आकलन और विश्लेषण होगा।

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वन और उनकी टीम के पास वित्त वर्ष 23 के पूरे आंकड़े उपलब्ध होंगे, जिनमें सकल घरेलू उत्पाद और राजकोषीय घाटे का आंकड़ा शामिल है। ये आंकड़े 31 मई तक जारी कर दिए जाएंगे। इससे वे गहराई से आर्थिक समीक्षा का अध्ययन करने व अगले आंकड़ों का अनुमान लगाने में सक्षम हो सकेंगे।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘MER में सामान्यतया मासिक आधार पर विश्लेषण होता है। एक बार जब हमारे पास सभी संबंधित सूचनाएं उपलब्ध हो जाएंगी, पूरी तरह से पिछले वित्त वर्ष का सिंहावलोकन (full recap ) होगा। यह मई के MER में होगा।’

एक दूसरे अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘मई की मासिक समीक्षा सामान्य से ज्यादा श्रमसाध्य (more expansive) होगी। यह आर्थिक समीक्षा के ज्यादा निकट होगी।’

नागेश्वरन ने 2022-23 की आर्थिक समीक्षा 31 जनवरी को 2023-24 के केंद्रीय बजट के एक दिन पहले पेश की थी, जैसी कि परंपरा है। बजट के बाद बातचीत में उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा था कि समीक्षा में कुछ अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘हम ऐसा करेंगे क्योंकि सामान्यतया आर्थिक समीक्षा में 8 से 9 महीने के आंकड़े होते हैं। इसलिए हम इसे अद्यतन करेंगे।’

जनवरी की समीक्षा में नागेश्वरन ने वित्त वर्ष 24 में GDP की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था और इसकी सीमा 6 से 6.8 प्रतिशत बताई थी।

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उन्होंने कहा था कि व्यवधान प्राथमिक रूप से वैश्विक वजहों जैसे यूरोप में युद्ध, आपूर्ति में व्यवधान के कारण उच्च महंगाई दर, महंगाई को रोकने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई कार्रवाई, तमाम पश्चिमी देशों में मंदी की संभावना की वजह से आएगा।

इनमें से ज्यादातर स्थितियां अभी भी बनी हुई हैं, हालांकि कच्चे तेल की कीमत और महंगाई दर जनवरी की तुलना में कम है। 25 अप्रैल को जारी मार्च के MER में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज बनी हुई है, लेकिन वित्त वर्ष 24 में वृद्धि के अनुमान घटने क संभावना मौसम की खराब स्थिति और वैश्विक बैंकिंग संकट के साथ उपरोक्त उल्लिखित वजहों से ही आएगी।

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अभी यह साफ नहीं है कि क्या नागेश्वरन वित्त वर्ष 24 के GDP वृद्धि के अपने अनुमान में मई के अनुमान में बदलेंगे या नहीं।

वित्त वर्ष 23 के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने रियल जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

नागेश्वरन ने इसके पहले कहा है कि बीते समय में अर्थव्यवस्था में बहुत गतिविधियां हुई हैं, जैसा कि प्रमुख संकेतकों से जानकारी मिलती है, जिससे वित्त वर्ष 23 में जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत हो सकती है।

First Published - May 7, 2023 | 9:55 PM IST

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