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Budget 2025: कैंसर इलाज सस्ता करने और शिक्षा पर फोकस की उठी मांग

रेडिएशन मशीन पर शुल्क घटाने, एनईपी 2020 को तेज़ी से लागू करने और स्वास्थ्य बजट बढ़ाने पर जोर

Last Updated- January 07, 2025 | 8:44 PM IST
Cancer treatment

शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को बजट पूर्व बैठक के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कैंसर के उपचार संबंधी उपकरणों से जुड़े मसलों के समाधान, स्वास्थ्य व शिक्षा का बजट बढ़ाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान देने का अनुरोध किया है।

इसमें से एक बड़ी मांग कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन मशीन के आयात पर सीमा शुल्क व अन्य शुल्क घटाने का अनुरोध है। टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के डायरेक्टर कैलाश शर्मा ने कहा, ‘रेडिएशन मशीनों जैसे लीनियर एक्सेलरेटर्स (एलआईएनएसी) पर शुल्क कम किया जाना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि देश में उपलब्ध न होने के कारण इनका आयात किया जाता है। इससे तमाम लोगों के कैंसर के इलाज में मदद मिल सकेगी।’

यह मांग ऐसे समय में आई है जब कुछ भारतीय मेडिकल उपकरण विनिर्माताओं ने प्री-ऑन्ड और सेकंड हैंड हाई-एंड और हाई वैल्यू (एचईएचवी) मेडिकल उपकरण के आयात को लेकर चिंता जताई है। नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस (एनबीई) के प्रेसीडेंट अभिजात सेठ ने कहा, ‘चर्चा में शामिल अन्य विषयों में कैंसर के उपचार की सुविधा दूरस्थ इलाकों में पहुंचाना था।’ उन्होंने मेडिकल एजूकेशन को लेकर किसी तरह की चर्चा होने की बात से इनकार किया।

बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्कूल शिक्षा विभाग और स्वास्थ शोध विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। इसमें बढ़ते स्वास्थ्य व्यय और गैर संचारी रोग (एनसीडी) को लेकर शोध पर भी चर्चा हुई। शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सरकार से एनईपी 2020 को लागू करने में तेजी लाने पर जोर दिया।

श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, हरियाणा के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि नीति लागू करने के विभिन्न पहलुओं जैसे व्यावसायिक शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण, विशेष रूप से आनंदवाड़ियों में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर चर्चा हुई।

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First Published - December 30, 2024 | 11:03 PM IST

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