क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि बढ़ती महंगाई और कमोडिटी के कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और वृध्दि कर सकता है।
ब्याज दरों में वृध्दि का ऐलान 29 जुलाई को होने वाली तिमाही मौद्रिक समीक्षा के समय किया जा सकता है। क्रिसिल केप्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रुपा कुदवा ने कहा कि मेरा मानना है कि 29 जुलाई को कैस रिजर्व रेशियो और रेपो रेट में आगे और वृध्दि की घोषणा की जा सकती है। जबकि इस वित्त्तीय वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृध्दि दर के 7.8 फीसदी रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि ऊंची ब्याज दरों की वजह से न सिर्फ छोटी एंव मझोली कंपनियों को नुकसान हुआ है बल्कि बड़ी कंपनियां भी अपनी निवेश योजनाओं को पूरा नहीं कर पा रही हैं। लगातार बढ़ती महंगाई की दर पर लगाम कसने के लिए रेपो रेट और कैस रिजर्व रेशियों मे वृध्दि का फैसला लिया था। जिससे बैंकों को अपनी ब्याज दरों में वृध्दि के लिए मजबूर होना पड़ा। कुदवा ने कहा कि ऊंची ब्याज दरों की वजह से अर्थव्यवस्था की गति के थमने की संभावना है और इससे बैंकों के रिटेल बैड लोन की संख्या में भी वृध्दि होगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हम 2.4 फीसदी एपीए देख रहे हैं लेकिन बढ़ती ब्याज दरों और हाई रिस्क की वजह से यह एनपीए 4-4.1 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकता है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए मौद्रिक और वित्त्तीय प्रयासों से महंगाई में चौथी तिमाही तक गिरावट आना शुरु हो जाएगी। वित्त्तीय वर्ष में महंगाई दर औसत रुप से 8.5 से नौ फीसदी के बीच रहेगी।