वित्त वर्ष 2024-25 की फरवरी तक 17 मंत्रालयों के 58 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) अपने पूरे साल के पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पार करते दिख रहे हैं। वे लगातार तीसरे वर्ष सालाना लक्ष्य से ज्यादा खर्च करेंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी), भारतीय रेल और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जैसी चार इकाइयों सहित सीपीएसई वित्त वर्ष 25 के संशोधित व्यय अनुमान 7.87 लाख करोड़ रुपये में से 93.95 फीसदी तक पहुंच चुके हैं।
सीपीएसई ने वित्त वर्ष 23 में पूरे साल के पूंजीगत व्यय लक्ष्य का 100.4 फीसदी और वित्त वर्ष 24 में लक्ष्य का 108 फीसदी तक खर्च किया था। उक्त चार इकाइयों ने वित्त वर्ष 25 के लिए संशोधित पूंजीगत व्यय के लक्ष्य का 94.2 फीसदी खर्च कर लिया है जबकि बाकी 54 सीपीएसई ने इस वित्त वर्ष के लिए तय 3.51 लाख करोड़ रुपये के व्यय का 93.7 फीसदी खर्च कर लिया है।
अधिकारी ने बताया, ‘यह हमारे संचालन और नीतिगत पहल में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि कही जाएगी। इसका प्रमुख कारक यह है कि चुनिंदा सीपीएसई और अन्य संस्थानों में आंतरिक तौर पर पूंजीगत व्यय की समुचित निगरानी की गई और प्रोत्साहन दिया गया।’
फरवरी तक सबसे ज्यादा खर्च करने वाली सरकारी कंपनियों में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (232 फीसदी), एनटीपीसी (144.5 फीसदी), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (121 फीसदी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (115.2 फीसदी), गेल इंडिया (111.7 फीसदी), पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन (110.5 फीसदी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (110.8 फीसदी), इंडियन ऑयल (107.3 फीसदी), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (103.9 फीसदी) और कोल इंडिया लिमिटेड (97.7 फीसदी) हैं।
पूंजीगत खर्च करने में फिसड्डी रहने वाले सीपीएसई में राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (2.8 फीसदी), महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (3.9 फीसदी), भारत संचार निगम लिमिटेड (13.7 फीसदी), नैशनल एल्युमीनियम कंपनी (47.9 फीसदी), भारतीय रेल (76.7 फीसदी) और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम(77 फीसदी) हैं। सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) ने सीपीएसई में सुचारु संचालन और निर्णय प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं। सीपीएसई के महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न के बोर्ड ने संयुक्त उपक्रम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां स्थापित करने के लिए सितंबर 2024 में सरल संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे। इसी क्रम में सीपीएसई की श्रेणी को उन्नत करने के लिए मई 2024 में सरल नए दिशानिर्देश जारी किए थे। डीपीई ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को महारत्न का दर्ज दिया था।