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Core sector output: 8 प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री का उत्पादन सुस्त, 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 8 प्रमुख उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत होती है। ऐसे में सूचकांक पर इसका उल्लेखनीय असर होता है।

Last Updated- October 31, 2023 | 10:43 PM IST
जून में नरम पड़ी प्रमुख बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ रेट, घटकर 4 प्रतिशत पर आई, Core Sector Growth: Growth rate of major basic industries slowed down in June, came down to 4 percent

आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन सितंबर में घटकर 4 महीने के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इन्हें प्रमुख क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। ज्यादा आधार के असर और 8 में से 7 क्षेत्रों में आई सुस्ती के कारण ऐसा हुआ है। पिछले साल सितंबर में प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन 8.3 प्रतिशत बढ़ा था।

अगस्त 2023 के आंकड़ों में भी थोड़ा बदलाव हुआ है और यह बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 12.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उर्वरक की वृद्धि (4.2 प्रतिशत) सितंबर में इसके पहले महीने की तुलना में तेज रही है। वहीं कोयले (16.1 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (6.5 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पाद (5.5 प्रतिशत), स्टील (9.6 प्रतिशत) और बिजली (9.3 प्रतिशत) का उत्पादन पहले की तुलना में घटा है।

वहीं दो महीने के अंतर के बाद कच्चे तेल का उत्पादन एक बार फिर संकुचित (-0.4 प्रतिशत) हुआ है।

इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सितंबर महीने में बारिश की वजह से प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन के विस्तार में सुस्ती आई है और 8 में से 7 क्षेत्रों की वृद्धि की रफ्तार कम रही।

उन्होंने कहा, ‘सितंबर 2023 में कोयले का उत्पादन जहां लगातार तीसरे महीने दो अंकों में बढ़ा है, स्टील का उत्पादन और बिजली उत्पादन तेज रहा है। बहरहाल सीमेंट का उत्पादन सितंबर 2023 में तेजी से गिरकर 6 महीने के निचले स्तर पर आगया है, जबकि कच्चे तेल का उत्पादन 2 महीने के अंतराल के बाद संकुचन की स्थिति में आया है।’

इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही है, जो वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में 9.8 प्रतिशत थी।

इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे पूंजीगत व्यय से सीमेंट और स्टील क्षेत्र को सकारात्मक समर्थन मिला है क्योंकि सरकार का सितंबर में पूंजीगत व्यय 35.2 प्रतिशत बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

सिन्हा ने कहा, ‘कुल मिलाकर आंकड़ों से संकेत मिलता है कि बुनियादी ढांचा उद्योगों में उल्लेखनीय रिकवरी हुई है क्योंकि प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन कोविड के पहले के स्तर की तुलना में 11.9 प्रतिशत अधिक है। यह गति अक्टूबर 2023 तक बने रहने की संभावना है क्योंकि रोजाना के बिजली उत्पादन के आंकड़ों से पता चलता है कि यह त्योहार की मांग में 28.8 प्रतिशत ज्यादा है। इसके साथ अक्टूबर में आधार का असर भी पक्ष में है, जिससे आने वाले महीने में प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर 9 से 10 प्रतिशत के आसपास रहेगी।’

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 8 प्रमुख उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत होती है। ऐसे में सूचकांक पर इसका उल्लेखनीय असर होता है। इस महीने की शुरुआत में आईआईपी के अगस्त के आंकड़ों में सुस्ती आई थी क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र में 2011-12 के समान महीने की तुलना में वृद्धि कम रही थी, जब नई आईआईपी श्रृंखला चालू की गई थी।

नायर ने कहा कि आईआईपी वृद्धि सितंबर 2023 में एक अंक के शीर्ष पर रह सकती है।

First Published - October 31, 2023 | 10:43 PM IST

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